एक सप्ताह से बिगड़े हालात
पुष्कर सरोवर में पिछले एक सप्ताह से जल की सतह पर हजारों मृत मछलियां देखी जा रही हैं। जिनसे सरोवर का जल प्रदूषित व बदबूदार हो गया है। जल का आचमन करने से श्रद्धालु कतरा रहे हैं। सरोवर के सभी घाटों पर बदबू फैली हुई है। पालिका टीम अनवरत मृत मछलियों को बाहर निकाल रही है। टीम के कैलाश चंद व सुरेश गुर्जर के अनुसार पिछले एक सप्ताह से करीब 25 हजार से अधिक मृत मछलियों की दो ट्रॉली निकाली जा चुकी हैं।
नियंत्रण के यह प्रयास
पालिका द्वारा सरोवर का जल साफ करने व ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रतिदिन करीब छह हजार लीटर साफ पानी बाहर से डाला जा रहा है। इसी तरह घाटों पर बेचा जा रहा दाना-अनाज जब्त करने के साथ ही चूना डालने का काम किया जा रहा है
पुरोहित मौन, प्रशासन की लापरवाही
सरोवर के बूते जीविकोपार्जन करने व घाट पर जूते-चप्पल ले जाने पर नाराजगी जताकर सरोवर की पवित्रता की दुहाई देने वाला स्थानीय समुदाय एवं जनप्रतिनिधि सरोवर की मौजूदा बदहाली पर चुप्पी साधे हुए हैं।
सरोवर में दो एरिएटर लगाए
नगर पालिका की ओर से बुधवार रात सरोवर में दो एरिएटर लगाए गए हैं। इनके माध्यम से करीब 50 फीट ऊंचाई तक जल का फवारा चलाया जा रहा है। पालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी रामनिवास मीणा ने बताया कि इससे जल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी तथा मछलियों का जीवन बच सकेगा। दोनों एरिएटर महादेव घाट के सामने और तरणी घाट पर लगाए गए हैं। अन्य घाटों पर भी एरिएटर लगाए जाएंगे।
बजट की दरकार
सरोवर में एरिएटर लगाने पर प्रति पंप करीब 40 हजार की लागत आई है। कार्यवाहक ईओ मीणा के पास वित्तीय अधिकार नहीं होने से सरोवर के अन्य घाटों पर इस प्रकार के पंप लगाने के लिए बजट की समस्या आएगी।
इनका कहना है
पुष्कर सरोवर का जल प्रदूषण युक्त हो गया है। बदलते मौसम में उमस के कारण लगातार मछलियां मर रही है। जल की गुणवत्ता के लिए सेम्पल लिए गए हैं। गुरुवार तक रिपोर्ट आएगी। अनिल जोशी, एईएन, मत्सय विभाग, अजमेर -पालिका स्तर पर मृत मछलियों को निकलवाने के लिए 52 घाटों पर 34 कर्मचारी लगे हुए हैं। तीन टेम्पो व ट्रेक्टरट्रॉली लगाई हैं। चूना व साफ पानी डाला जा रहा है। पानी में ऑक्सीजन के लिए दो कम्प्रेशर मशीनें लगाई जाएंगी।
राम निवास मीणा, कार्यवाहक ईओ, पुष्कर पालिका