संघ प्रमुख ने 2015 में आरक्षण के खिलाफ (against reservation policy) बयान दिया था। इसका असर बिहार विधानसभा (bihar election) चुनाव में देखने को मिला। भाजपा (bjp) को इस चुनाव में जबरदस्त नुकसान हुआ। नीतिश कुमार (nitish kumar) और लालू प्रसाद यादव (lalu yadav) के गठजोड़ (अब नहीं) ने इसे मुद्दे बनाकर सत्ता हासिल की थी। संघ प्रमुख का यह बयान कई दिनों तक तूल पकड़े रहा था.
संघ (RSS) की ओर से पूरे देश में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों के साथ चार दिन मंथन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। आयोजन को लेकर सेवा सदन परिसर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था (security) रहेगी। साथ ही आमजन का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। इस बैठक में देश के गृहमंत्री अमित शाह (union Amit shah)सहित भाजपा के संघ पृष्ठभूमि से जुड़े कई लोग शिरकत करेंगे।
आरएसएस (RSS) के अजमेर प्रभारी बसंत की ओर से माहेश्वरी सेवा सदन के पिछवाड़े के करीब डेढ़ सौ कमरों का सम्पूर्ण परिसर 5 से 10 सितम्बर तक बुक करा लिया गया है। इसमें विशाल पांडाल बनाया गया है। इस आयोजन में संघ के राष्ट्रीय कार्रवाह मोहन भागवत के निर्देशन में पांच दिन तक देश की वर्तमान परिस्थितियों के साथ-साथ राष्ट्रहित के मुद्दों, संघ के विभिन्न प्रकल्पों सहित कई महत्वपूर्ण मसलों पर मंथन होगा।