अजमेर भी अपनी प्राचीन विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और पुरा महत्व की इमारतों-सामग्री के लिए विख्यात रहा है। मुगल बादशाह (mughal emperor) और अंग्रेज (british officers) अफसर तो खासतौर पर अजमेर के दीवाने रहे हैं। उन्हें यहां का प्राकृतिक वातारण काफी पसंद आता था। यहां सदियों पुरानी कई इमारतें (old buildings), स्मारक
(monuments), मूर्तियां और कलाकृतियां मौजूद हैं। उच्च स्तरीय प्रयास किए जाएं तो अजमेर का नाम भी यूनेस्को (UNESCO) की विश्व विरासत सूची में शामिल हो सकता है।
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Record Rain: पहली बार अगस्त की बरसात ने बनाया नया रिकॉर्ड यह बन सकती हैं विश्व विरासत-15 वीं शताब्दी में राजकीय संग्रहालय (govt museum) का निर्माण हुआ था। इसका ताल्लुक सम्राट अकबर (emperor akbar) से रहा है। यहीं बैठकर अकबर-मानसिंह ने हल्दी घाटी युद्ध की रणनीति बनाई थी। 16 वीं शताब्दी इसी संग्रहालय के झरोखे में बैठकर मुगल बादशाह जहांगीर
(emperor jahangir) ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत में व्यापार की अनुमति दी थी। बाद में अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बना लिया था।
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राजस्थान के इस गाँव का लाल कश्मीर में हुआ शहीद -तारागढ़ का किला (taragah fort) भी चौहान कालीन है। यह गढ़ बीठली या यूरोप का जिब्रॉल्टर भी कहा जाता है। यह किला अपनी बनावट और सुरक्षा के लिहाज से अहम रहा है। किला कई युद्धों का साक्षी रहा है। यहां से अजमेर का विहंगम दृश्य दिखता है।
-आनासागर
(anasagar lake) पर संगमरमर की खूबसूरत बारादरी बनी हुई है। यह मुगल बादशाह जहांगीर और शाहजहां (emperor shahjahan) ने बनवाई थी। जहांगीर तो बारादरी पर बेगम नूरजहां के साथ बैठकर सूर्योदय (sun rise) और सूर्यास्त (sunset) के नजारे देखता था। यहां से अरावली की खूबसूरती भी दिखती है।
read more: अवधिपार पेय पदार्थ की 300 बोतल मिली, सेम्पल के बाद नष्ट करवाई -बजरंगढ़ से सटी पहाड़ी पर ही सर्किट हाउस (circuit house) बना हुआ है। इसका डिजाइन आधुनिक दिल्ली के वास्तुकार एलन लुटियन्स (Lutyns) ने बनाया है। सर्किट से आनासागर झील, अरावली पहाड़ और अजमेर के निकटवर्ती क्षेत्र दिखते हैं। यह बनावट के मामले में बेमिसाल इमारत है।
-डीआरएम कार्यालय (DRM office), मेयो कॉलेज (mayo college) और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय कॉलेज भी अंग्रेजों के जमाने की नायाब विरासत हैं। इनकी बनावट और वास्तुकला देखने लायक है। यह इमारतें भी सौ से 180 साल पुरानी हैं।
-अढ़ाई दिन का झौंपड़ा
(Adhai din ka jhonpra), ढ्डडों की हवेली, लोढा हवेली सहित मदार गेट, ऊसरी गेट, त्रिपोलिया गेट, कोतवाली गेट, दिल्ली गेट भी शहर की सुंदर विरासत है। read more:
MDSU: हाईकोर्ट, सरकार और राजभवन के भरोसे ‘कुलपति ’