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अजमेर

बनना है ऑटोनॉमस कॉलेज, सरकारी बनने में नहीं कोई फायदा

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अजमेरMar 02, 2019 / 06:18 am

raktim tiwari

autonomous status of college

autonomous status of college

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

प्रदेश के कई इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव पर धुंध छाई है। यह मामला अब तक अटका हुआ है। वहीं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (नैब) 2020 या इसके बाद सभी संस्थाओं को स्वायत्तशासी बनाने का पक्षधर है।
अजमेर के बॉयज और महिला सहित झालवाड़ और बारां इंजीनियरिंग कॉलेज राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (कुछ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय से भी) से सम्बद्ध हैं। विद्यार्थियों की सेमेस्टर और प्रयोगिक परीक्षाएं, पेपर और पाठ्यक्रम निर्माण तकनीकी विश्वविद्यालय करता है। इन कॉलेजों में परीक्षाएं, परिणाम निकालने और प्रवेश कार्यों में विलम्ब से सरकार और विद्यार्थी परेशान हैं। साल 2017 में उच्च और तकनीकी शिक्षाविदों ने तत्काल भाजपा सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। योजनान्तर्गत इन कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने और विभिन्न विश्वविद्यालयों का संगठक कॉलेज बनाने की सिफारिश की गई थी।
ली थी कॉलेज से जानकारियां
तकनीकी शिक्षा विभाग ने अजमेर के बॉयज और महिला, झालावाड़ और बारां इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने की योजनान्तर्गत जानकारी मांगी थी। इनमें शैक्षिक और अशैक्षिक कार्मिकों का वेतनभार, एक्रिडिटेशन के लिए 80 प्रतिशत पदों की स्थिति, न्यूनतम वित्तीय भार, विद्यार्थियों की फीस से होने वाली आय, कार्मिकों की स्थिति और अन्य सूचनाएं शामिल थी।
ग्रेडिंग और स्वायतत्ता पर जोर

उधर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन (नैब) के नियमानुसार सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को 2020 तक ग्रेडिंग और स्वायत्तशासी संस्थान बनाया जाना है। ऐसे में कॉलेज के सरकारी नियंत्रण में जाने से फायदा होना मुश्किल है। मालूम हो कि स्वायत्तशासी योजनान्तर्गत सभी संस्थाओं को आय-व्यय के लिए स्वयं आत्मनिर्भर बनना पड़ता है।
…मिलती रही हैं शिकायतें
अजमेर के बॉयज एवं महिला इंजीनियरिंग, झालावाड़, भरतपुर, बांसवाड़ा, बीकानेर और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज पृथक-पृथक स्वायत्तशासी सोसायटी के अधीन संचालित हैं। सरकार और सोसायटी के नियम पृथक हैं। इनमें मनमाने ढंग से नियुक्तियां, पदोन्नतियां, लाखों रुपए की खरीद-फरोख्त की शिकायतें मिलती रही हैं। टेक्यूप में करोड़ों रुपए का बजट, विदेश यात्रा जैसी सुविधाओं का दुरुपयोग भी हुआ है।

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