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अजमेर

नगर परिषद के वार्ड 60 और कचरा संग्रहण के लिए ऑटो टिपर मात्र 25

नई ठेका कम्पनी के सामने उपजी ऑटो टिपर की कमी की समस्या, डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था होने लगी फैल

अजमेरDec 28, 2024 / 05:04 am

dinesh sharma

City Council

किशनगढ़ नगर परिषद के गैराज में खराब पड़े ऑटो टिपर।

किशनगढ़ शहरी क्षेत्र में नगर परिषद की डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था पटरी से उतरने लगी है। नगर परिषद प्रशासन के पास इन दिनों मात्र 25 ऑटो टिपर ही चालू अवस्था में हैं और इन ऑटो टिपर से 60 वार्डों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करना टेडी खीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि इन 25 में से भी कई ऑटो टिपर ऐसे हैं जो कुछ दिनों बाद तकनीकी खराबी के कारण बंद हो जाएंगे।

घरों से कचरा संग्रहण नहीं किया जा रहा

यही वजह है कि कई कॉलोनियों और बस्तियों में दो से तीन दिनों के बाद भी घरों से कचरा संग्रहण नहीं किया जा रहा। डोर टू डोर कचरा संग्रहण के कार्य में ब्रेक लगने से लोगों के घरों में कचरा पात्र कचरे से भरे हुए हैं और उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद ने तीन साल पहले जयपुर की एक ठेका कम्पनी को परिषद के सभी 60 वार्डोँ में कचरा संग्रहण का ठेका दिया गया। ठेका शर्तों के अनुसार परिषद ने उस ठेका कम्पनी को अपने करीब 50 ऑटो टिपर चालू अवस्था में सौंपे। इन ऑटो टिपर की मरम्मत, डीजल, चालक व एक हेल्पर समेत ठेका शर्तों में ही शामिल था।

डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम बंद

ठेका कम्पनी ने नगर परिषद के 50 ऑटो टिपर समेत खुद के 20 अतिरिक्त ऑटो टिपर के साथ 60 वार्डों में कचरा संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया। ठेका कम्पनी ने ठेके के तीन साल समाप्त होने पर 13 दिसम्बर के करीब डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम बंद कर दिया और अपने 20 ऑटो टिपर को भी चालकों से खड़े करवा लिए। बताया जा रहा है कि ठेका कम्पनी ने ठेका समाप्त होने पर परिषद से लिए ऑटो टिपर भी लौटा दिए।

मात्र 25 ऑटो टिपर चालू अवस्था में

कुछ ठेकाकर्मियों ने बताया कि जब जयपुर की ठेका कम्पनी ने काम शुरू किया गया तो परिषद से उसे करीब 50 ऑटो टिपर दिए गए और यह सभी चालू अवस्था में दिए गए। इन 50 ऑटो टिपर के साथ ही कम्पनी ने अपने 20 अतिरिक्त ऑटो टिपर से काम शुरू किया यानी की करीब 70 ऑटो टिपर से कचरा संग्रहण का कार्य तीन साल तक किया गया। ठेकाकर्मियों ने बताया कि जयपुर की कम्पनी का ठेका समाप्त हुआ तो उसने मात्र 24-25 ऑटो टिपर ही चालू अवस्था में दिए, जो कि दूसरी यानी की वर्तमान ठेका कम्पनी को कचरा संग्रहण के लिए संभला दिए गए।

खराब अवस्था में ऑटो टिपर क्यों लिए

बताया जा रहा है कि इन 24-25 ऑटो टिपर में से भी कई खराब होने की कगार पर ही है। यह जैसे तैसे चलाए जा रहे हैं। जबकि गैराज प्रभारी ने बताया कि मात्र 4 या 5 ऑटो टिपर ही मरम्मत के लिए कम्पनी को भेजे गए हैं। ऐसे में शेष ऑटो टिपर कहां है और किस अवस्था में है यह सवाल बन गया है। यदि वह चालू अवस्था में हैं तो उन्हें दूसरी कम्पनी को क्यों नहीं सौंपा गया और यदि खराब हैं तो फिर जयपुर की कम्पनी से खराब अवस्था में ऑटो टिपर क्यों लिए गए। यदि जयपुर की कम्पनी ने इन्हें चालू अवस्था में दिए तो फिर दो तीन दिन में ही करीब 25 ऑटो टिपर एक साथ खराब कैसे हो गए।

हेल्पर की भी नहीं व्यवस्था

वर्तमान ठेका कम्पनी ने शुरुआत में 42 चालकों को ही काम पर लिया। इस पर ऑटो टिपर के चालकों ने रोष जताया और शेष चालकों को भी काम पर लेने की मांग की। इस पर ठेका कम्पनी ने सभी 50 चालकों को काम पर रख लिया, लेकिन ऑटो टिपर पर कार्य हेल्पर को हटा दिया। हैल्पर के नहीं होने के कारण भी चालकों को खासी परेशान हो रही है। अब इन 50 चालकों के माध्यम से 25 ऑटो टिपर के जरिए (दो वार्ड में ऑटो टिपर और चालक दो) कचरा संग्रहण किया जा रहा है। ऑटो टिपर की कमी की समस्या के चलते इन दिनों डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था लगभग फेल सी नजर आने लगी है और इस वजह से आमजन परेशान हो रहे है।
इनका कहना है

चार पांच ऑटो टिपर मरम्मत के लिए कम्पनी भेजे गए हैं। पहले वाली कम्पनी ने अपने 20 ऑटो टिपर हटा लिए। ऑटो टिपर की कमी के कारण दो छोटे वार्डों में एक ऑटो टिपर से कचरा संग्रहण किया जा रहा है।
नवल मट्टू, प्रभारी गैराज, नगर परिषद, किशनगढ़

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