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अजमेर

World Heritage Day special :ये है वो शहर जहां मुगल बादशाह जहांगीर व नूरजहां ने मनाया था हनीमून, जानें और क्या है इस शहर की खूबी

समूची दुनिया में 18 अप्रेल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर कई नामचीन प्राचीन इमारतें, पुरा महत्व की सामग्री और धरोहर इसमें शामिल ह

अजमेरApr 18, 2018 / 03:17 pm

सोनम

ajmer is famous as heritage city because of beautiful monuments
अजमेर . समूची दुनिया में 18 अप्रेल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर कई नामचीन प्राचीन इमारतें, पुरा महत्व की सामग्री और धरोहर इसमें शामिल हैं। अजमेर को भी इसमें शामिल किया जाए तो चौहानकाल के शहर को पहचान मिल सकती है।
विश्वभर की मूल्यवान संपत्ति और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दृष्टि से विश्व विरासत दिवस की काफी महत्ता है। इससें भारत की भी विभिन्न प्रांतों की धरोहर शामिल हैं। अजमेर भी अपनी प्राचीन विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और पुरा महत्व की इमारतों-सामग्री के लिए विख्यात रहा है। मुगल बादशाह और अंग्रेज अफसर तो खासतौर पर अजमेर के दीवाने रहे हैं। उन्हें यहां का प्राकृतिक वातारण काफी पसंद आता था। यहां सदियों पुरानी कई इमारतें, स्मारक, मूर्तियां और कलाकृतियां मौजूद हैं।
उच्च स्तरीय प्रयास किए जाएं तो अजमेर का नाम भी यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हो सकता है।

यह बन सकती हैं विश्व विरासत-

15 वीं शताब्दी में राजकीय संग्रहालय का निर्माण हुआ था। इसका ताल्लुक सम्राट अकबर से रहा है। यहीं बैठकर अकबर-मानसिंह ने हल्दी घाटी युद्ध की रणनीति बनाई थी। 16 वीं शताब्दी इसी संग्रहालय के झरोखे में बैठकर मुगल बादशाह जहांगीर ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत में व्यापार की अनुमति दी थी। बाद में अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बना लिया था।
-तारागढ़ का किला भी चौहान कालीन है। यह गढ़ बीठली या यूरोप का जिब्राल्टर भी कहा जाता है। यह किला अपनी बनावट और सुरक्षा के लिहाज से अहम रहा है। किला कई युद्धों का साक्षी रहा है। यहां से अजमेर का विहंगम दृश्य दिखता है।
-आनासागर पर संगमरमर की खूबसूरत बारादरी बनी हुई है। यह मुगल बादशाह जहांगीर और शाहजहां ने बनवाई थी।

जहांगीर तो बारादरी पर बेगम नूरजहां के साथ बैठकर सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारे देखता था। यहां से अरावली की खूबसूरती भी दिखती है।
-बजरंगढ़ से सटी पहाड़ी पर ही सर्किट हाउस बना हुआ है। इसका डिजाइन आधुनिक दिल्ली के वास्तुकार एलन लुटियन्स ने बनाया है। सर्किट से आनासागर झील , अरावली पहाड़ और अजमेर के निकटवर्ती क्षेत्र दिखते हैं। यह बनावट के मामले में बेमिसाल इमारत है।
-डीआरएम कार्यालय, मेयो कॉलेज और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय कॉलेज भी अंग्रेजों के जमाने की नायाब विरासत हैं। इनकी बनावट और वास्तुकला देखने लायक है। यह इमारतें भी सौ से 180 साल पुरानी हैं।
-अढ़ाई दिन का झौंपड़ा, ढ्डडों की हवेली, लोढा हवेली सहित मदार गेट, ऊसरी गेट, त्रिपोलिया गेट, कोतवाली गेट, दिल्ली गेट भी शहर की सुंदर विरासत है।


अजमेर की इमारतें विश्व की किसी भी अन्य धरोहर से कम नहीं हैं। उच्च स्तर पर प्रयास हों तो इन्हें विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जा सकता है।
-महेंद्र विक्रम सिंह, संयोजक अजमेर इन्टेक चेप्टरअजमेर तो प्राचीनकाल से अपनी सुंदरता और शानदार इमारतों के लिए मशहूर रहा है। यह इमारतें और पुरा सम्पदा विश्व की बेजोड़ विरासत में शामिल होनी चाहिए। ऐसा करने पर शहर को नई पहचान मिलेगी।
ओ.पी. शर्मा, इतिहासकार

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