ताजमहल की मीनारों, बुर्जियों और गुंबदों के अंदर लगी लोहे की सरिया गल चुकी हैं। इसकी जानकारी 11 अप्रैल को आए तूफान के बाद हुई। इस तूफान के दौरान तेज हवाओं को ताजमहल नहीं झेल सका। तूफान के दौरान गिरी मीनों और गुंबदों को देखा गया, तो इनमें लगी हुई सरिया दो दो इंच तक गली हुईं थीं।
लोहे की सरिया गली मिलने के मामले में पुरातत्व विभाग द्वारा मंथन किया जा रहा है। मानना ये है कि लोहे की सरिया गलने से ताजमहल को खतरा बढ़ रहा है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी हिस्से को निकालकर इन्हें बदलकर दोबारा लगाया जाना तो मुश्किल काम है, लेकिन जो भी गली हुईं सरिया निकली हैं, उन्हें जरूर बदला जा रहा है।