इस सभागार के मुख्य हॉल में करीब सवा 300 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि सभागार के प्रथम तल पर स्थित दो समिति कक्षों की क्षमता लगभग 60 और 150 की है। सभागार की छत 200 लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए खाली है, जबकि सभागार के भूतल पर स्थित पोर्च में 200 लोगों के भोजन व्यवस्था हेतु स्थान उपलब्ध है। सभागार सभी जरूरी अधुनातन व्यवस्था से युक्त है और पूर्णतया वातानुकूलित है। सभागार के प्रथम तल पर जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। सभागार में उच्च क्वालिटी की प्रकाश एवं ध्वनि व्यवस्था भी की गई है। सभागार में स्वचालित पर्दे लगाए गए हैं। करीब 25 सौ स्क्वायर मीटर के परिक्षेत्र में बने सभागार के भवन का कुल क्षेत्रफल 1400 स्क्वायर मीटर है। करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस सभागार के निर्माण में 3 वर्ष का समय लगा है।
अटल बिहारी वाजपेयी अंतरराष्ट्रीय सभागार के शुभारंभ अवसर पर विदेशी छात्र छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियां देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभागार के शुभारंभ अवसर पर सभी में खासा उत्साह नज़र आया। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह का कहना है कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां हिंदी भाषा दिवस मनाया जाता है ये दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि विश्व के किसी और देश में ऐसा नहीं है।