ब्रिटेन की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऋषि सुनक ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वो हमारी तकनीक चुरा रहा है और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है। इसने यूक्रेन पर पुतिन के हमले को बढ़ावा दिया, ताइवान को धमकाता है और शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। ये इनकी करेंसी को वैश्विक स्तर पर दबाने के प्रयास करता है ताकि चीजें उसके पक्ष में रहें।’
सुनक की दावेदारी और दलों में लोकतंत्र
सुनक ने अपने बयान कहा, “मैं राष्ट्रपति बाइडन और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ काम करूंगा ताकि वेस्ट जो चीन के खतरे के प्रति आंखें मूंदे हैं उन्हें चीन के खिलाफ में बदल दूंगा।”इसके साथ सुनक ने ये प्रण लिया है कि वो चीन की तकनीकी आक्रमकता को रोकने के लिए विश्व का नेतृव करेंगे। चीन हाइयर एजुकेशन बिल में संशोधन से लेकर ब्रिटेन ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को 50,000 पाउंड से अधिक की विदेशी फंडिंग देकर चीन अपनी तकनीकी आक्रमकता को बढ़ा रहा है।
यही नहीं सुनक ने यूके-चीनी रिसर्च पार्टनरशिप की समीक्षा करने की भी बात कही है जो तकनीकी रूप से चीन की सहायता कर सकता है या सैन्य ऐपलीकेशन्स के साथ-साथ MI5 की तक उसकी पहुंच बना सकता है। इससे चीनी औद्योगिक जासूसी को काउन्टर करने में ब्रिटिश व्यवसायों और विश्वविद्यालयों को मजबूती मिलेगी।