scriptAnti Feminism: स्त्रियों के अधिकार के खिलाफ किचन में वापस जाओ के लग रहे नारे, हिजाब के विरोध पर सरकार खोलेगी ट्रीटमेंट क्लीनिक | Women opposing hijab will be treated, slogans of 'My body, your choice' raised against 'My body, my choice' | Patrika News
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Anti Feminism: स्त्रियों के अधिकार के खिलाफ किचन में वापस जाओ के लग रहे नारे, हिजाब के विरोध पर सरकार खोलेगी ट्रीटमेंट क्लीनिक

Anti Feminism: पूरी दुनिया में सार्वजनिक जीवन में स्त्रियों को समान भागीदारी मिले, इसे हासिल करने के लिए महिलाएं विरोध भी कर रही हैं। हालांकि अमरीका में ‘माय बॉडी, माय च्वाइस’ जैसे अधिकार वाले नारों पर तंज कसे जा रहे हैं और ‘माय बॉडी, योर च्वाइस जैसे नारे गढ़े जा रहे हैं। इस बारे में विस्तार से स्वतंत्र जैन की टिप्पणी पढ़ें।

नई दिल्लीNov 16, 2024 / 12:02 pm

स्वतंत्र मिश्र

Anti Feminism Slogans: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के टिकाऊ विकास लक्ष्यों में (SDG) एक अहम पैमाना महिलाओं के लिए राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में समान भागीदारी हासिल करना है। इसके लिए वर्ष 2030 तक की समयसीमा देशों को दी गई है। लेकिन अमरीका से लेकर ईरान (Iran) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के इन पश्चिम से पूर्व तक फैले देशों की राजनीति को गौर से देखें तो साफ है कि यहां महिलाओं का शरीर और उसका नियंत्रण राजनीति का केंद्र बना हुआ है। अमरीका में गर्भपात का अधिकार (Abortion right in America) और इसका विरोध अमरीका चुनाव का मुख्य मुद्दा बना और चुनावी नतीजे गर्भपात का विरोध करने वाली रिपब्लिकन पार्टी और उसके उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पक्ष में रहे। लेकिन चुनाव के बाद से इस मुद्दे पर पूर्ण विराम लगने के बजाए, यह मुद्दा नए सिरे सोशल मीडिया और सार्वजनिक विमर्श का केंद्र बिंदु बन गया है।

माय बॉडी, योर च्वाइस का अमरीका में चल रहा अभियान

महिला अधिकारों के नारे माय बॉडी माय चॉइस (My Body, My Choice) के चर्चित नारे के बजाय अब विरोधी समूह ट्रंप की जीत के बाद तंज के रूप में ‘योर बॉडी, माय च्वाइस (Your Body,My Choice)‘ का अभियान चला रह है। साथ ही, ‘रसोई में वापस जाओ’ (Go Back to Kitchen) जैसे अभियान चला रहा है। उधर ईरान में भी महिलाओं के हिजाब (Hijab) का मुद्दा फिर से राजनीतिक विमर्श के केंद्र में आ गया है। इसका विरोध करने के लिए पिछले दिनों एक महिला ने विश्वविद्यालय परिसर में अपने कपड़े उतार दिए। वहीं, ईरान इससे निपटने के लिए अब एक और कानून लाने की तैयारी में है।

गर्भपात का मुद्दा स्त्री विरोध मंच में बदला

लंदन स्थित संगठन इंस्टीट्यट फॉर स्ट्रेटजिक डायलॉग के अनुसार, एक्स, फेसबुक, टिकटॉक और रेडिट प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के गर्भपात के अधिकार का मुद्दा कई ऑनलाइन कम्युनिटीज में स्त्री विरोध मंच में बदल चुका था। इतना ही नहीं, 4 से 6 नवंबर के बीच के बीच इस मुद्दे पर पोस्ट में कमी आने की बजाए इनकी संख्या में भारी इजाफा हुआ है। संगठन ने यह भी कहा है कि इस नैरिटव का इस्तेमाल खुले तौर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन महिलाओं के उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है। संगठन ने कहा है कि अमरीका के चुनाव के ठीक बाद ‘शरीर मेरा, चयन आपका’ और ‘रसोई में वापस जाओ’ जैसे पोस्ट की संख्या में 4600 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

अमरीका में महिलाओं का मताधिकार समाप्त करने की भी मांग

सितंबर 29 से लेकर 10 नवंबर तक सोशल मीडिया पोस्ट में अमरीका में, 19 वें संशोधन को रद्द (रिपील द नाइटींथ) करो का भी बड़ा उभार देखा गया, विशेषकर चुनाव परिणाम आने के बाद। इसका आशय है कि महिलाओं का मताधिकार खत्म किया जाए।

हिजाब के विरोध पर महिलाओं का इलाज कराएगा ईरान

ईरान में अनिवार्य हिजाब का पिछले कुछ सालों से कड़ा विरोध हो रहा है। इसको देखते हुए अब हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं को लेकर ईरान एक खास योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत देशभर में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की दिशा में काम चल रहा है। इन क्लीनिक में उन महिलाओं का इलाज होगा, जो हिजाब का विरोध कर रही हैं। तेहरान मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग की हेड मेहरी तालेबी दारेस्तानी ने बताया कि ईरान में जल्द ही ‘हिजाब रिमूवल ट्रीटमेंट क्लीनिक’ खोले जाएंगे। यहां पर महिलाओं का साइंटिफिक तरीके से इलाज किया जाएगा।

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