क्या होते हैं टेबलटॉप रनवे?
टेबल-टॉप रनवे (Tabletop Runway) आस-पास के इलाके की तुलना में ऊंचाई पर यानी पठार पर स्थित होते हैं। इसका मतलब है कि रनवे के एक या एक से ज्यादा तरफ ढलान बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में अगर विमान रनवे से आगे निकल जाता है, तो वह सीधा नीचे गिरेगा। टेबलटॉप रनवे पर जगह कम होती है और लैंडिंग के दौरान गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि टेबलटॉप रनवे पर लैंडिंग (Nepal Plane Crash) इसलिए भी मुश्किल होती है क्योंकि वे पायलटों के लिए सतह और पठार के बीच एक ऑप्टिकल भ्रम पैदा करते हैं। यहां लैंडिंग के लिए पायलट के बहुत अधिक अनुभवी होने की दरकार होती है।
हमारे देश में कहां है ऐसे रनवे ?
भारत में ऐसे पांच रनवे हैं। कर्नाटक में मंगलूरू, केरल में कोझीकोड, मिजोरम में लेंगपुई, हिमाचल प्रदेश में शिमला और कुल्लू और सिक्किम में पाकयोंग। कोझीकोड में 7 अगस्त, 2020 को कोविड महामारी के कारण फंसे भारतीय नागरिकों को दुबई से वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन का हिस्सा एयर इंडिया एक्सप्रेस का रनवे से फिसल गया, 19 यात्रियों और दोनों पायलटों की मौत हो गई। इससे पहले 22 मई, 2010 को दुबई से मेंगलूरू जा रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान लैंडिंग के दौरान मेंगलूरू एयरपोर्ट पर क्रैश हो गया, छह क्रू सदस्यों सहित 158 यात्री मारे गए थे।
बचाव के लिए क्या करता है भारत ?
नागरिक उड्डयन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टेबल-टॉप हवाई अड्डों की समय-समय पर समीक्षा करता है। 2022 में, डीसीजीए के एक अधिकारी ने बताया था कि समीक्षा के पीछे का उद्देश्य किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकना और इन हवाई अड्डों पर लैंडिंग को कम चुनौतीपूर्ण बनाने के तरीकों की तलाश करना है।