क्यों रहना पड़ा आयरन लंग में?
दरअसल पॉल को 6 साल की उम्र में ही पोलियो हो गया था। ऐसे में जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टर ने उन्हें बॉक्सनुमा आयरन लंग में रहने की सलाह दी और फिर पॉल ने अपनी ज़िंदगी के 7 दशक आयरन लंग में ही गुज़ारे।
आसान नहीं रहा पॉल का जीवन
पॉल छोटी सी उम्र में ही पोलियो का शिकार हो गए थे। इस वजह से उनकी गर्दन के नीचे का हिस्सा काम करने लायक नहीं रहा। इसी वजह से उन्हें बॉक्सनुमा आयरन लंग में अपना जीवन बिताना पड़ा। पॉल को फेफड़ों से संबंधित समस्या भी हो गई थी जिस वजह से उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होती थी। पर आयरन लंग की वजह से उन्हें सांस लेने में मदद मिलती थी। पॉल का जीवन आसान नहीं रहा।
नहीं मानी हार
जीवन की तमाम मुश्किलों के बावजूद पॉल ने हार नहीं मानी। पॉल ने न सिर्फ अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की, बल्कि कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी की। पॉल हर परेशानी का सामना करते हुए वकील बने और कई मामले भी लड़े। इतना ही नहीं, पॉल ने कई किताबें भी लिखी। पॉल अपने मुंह से ब्रश पकड़कर पेंटिंग भी करते थे।