न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायल में रहने वाले भारतीयों ने कहा कि अगर कोई इस सारी स्थिति को खत्म कर सकता है, तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। वो पीएम मोदी से अनुरोध करते हैं कि मिडिल ईस्ट (Middle East Conflict) में चल रहे संघर्ष को सुलझाने के लिए अपने दोस्तों रूस, ईरान (Russia Iran) और इज़रायल के साथ आगे आएं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी ही इस क्षेत्र में शांति ला सकते हैं।
क्या सोचते हैं इजरायल में रहने वाले भारतीय
इन भारतीयों का कहना है कि भारत ने इज़रायल का नैतिक रूप से दूसरे नागरिक विश्व की तरह समर्थन किया। पीएम मोदी को इस बात की चिंता नहीं है कि दुनिया उनके बारे में क्या सोचेगी। वे आगे आए और उन्होंने यहां सभी को नए साल की शुभकामनाएं दीं। चाहे वो मुस्लिम नव वर्ष हो, वे उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। चाहे वो यहूदी नव वर्ष हो, वे उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। इसलिए उन्हें लगता है कि जब कोई कहता है, ओह, भारत इजरायल का समर्थन कर रहा है, तो वे बाकी दुनिया की तरह, बाकी नागरिक दुनिया की तरह, नैतिक रूप से इजरायल का समर्थन कर रहे हैं।
बंद हो रहे व्यापार, नहीं मिल रहा मुआवज़ा
दरअसल इजरायल में रह रहे ये भारतीय बेहतर भविष्य के लिए इजरायल गए थे और वहीं बस गए। कुछ लोग यहां होटल-रेस्टोरेंट जैसे व्यवसाय से जुड़े हैं लेकिन युद्ध और संघर्षों के बीच व्यवसाय में काफी रुकावटें आ रही हैं। इन भारतीयों का कहना है कि हालात बेहद खराब हैं उनके व्यापार बंद होने की कगार पर आ गए हैं सरकार से कोई मुआवज़ा या मदद नहीं मिली है। इज़राइल में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र, पर्यटन, ठप हो गया है।
लेबनान में इजरायली हमले में अब तक 2,119 लोगों की मौत
वहीं बीते मंगलवार को इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच फिर से युद्ध शुरू हो गया। हिजबुल्लाह ने ग्रेटर हाइफ़ा क्षेत्र में नागरिकों को निशाना बनाते हुए 100 से अधिक रॉकेट और मिसाइलें दागी हैं। जिसके बाद इजरायल ने लेबनान पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया। जिसमें अभी तक 2,119 लोगों की मौत हो गई है और 10 हजार लोग घायल हो गए हैं।