दरअसल भारत ने हाल ही में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया। बीती 17 नवंबर को भारत ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल LRA ShM का टेस्ट कर अपने दुश्मनों के लिए अलर्ट अलार्म दे दिया। दरसअल ये वही हाइपरसोनिक मिसाइल है जिसकी तकनीक पाने के लिए अमेरिका सालों से जूझ रहा है।
क्या है खासियत
IIT कानपुर और DRDO यानी डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट ऑर्गनाइज़ेशन ने मिलकर भारत की इस हाइपरसोनिक मिसाइल LRA ShM को बनाया है। इसे हाइपरसोनिक मिसाइलों का महामिसाइल कहा जा रहा है। इसकी रफ्तार ध्वनि से 5 गुना ज्यादा है। इसकी मारक क्षमता 1500 किमी से ज्यादा है। इसकी अधिकतम रफ़्तार 11132.12 किलोमीटर प्रति घंटा है। यानी एक सेकंड में ये करीब 3.087 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। सबसे खास बात ये है कि इतनी तेज रफ्तार होने के बावजूद ये कम ऊंचाई पर उड़ती है। जिससे इसे रडार पर पकड़ना काफी मुश्किल होता है। ये दुश्मन देशों के रडार को चकमा दे सकती है। इसके अलावा ये मिसाइल ऊंचाई और दिशा बदल सकती इसलिए अगर कोई इसे रोकना चाहे तो भी नहीं रोक सकता। और तो और ये मिसाइल क्रूज़ और बैलिस्टिक दोनों के फ़ीचर से लैस है। इस मिसाइल के जरिए अलग-अलग पेलोड ले जाना संभव है। इस मिसाइल की जितनी रेंज है उसमें आधा चीन और पूरा पाकिस्तान आ गया है। इस महामिसाइल से भारत के पास वो पॉवर आ गई जो सुपर पॉवर अमेरिका के पास भी नहीं है। इस मिसाइल LRA ShM के अलावा भारत के पास ऐसे कई हथियार और हैं जो उसके दुश्मन देश से निपटने के लिए काफी हैं।
MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो
भारत का MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो एक एंटी सबमरीन हथियार है। ये पानी के अंदर दुश्मन की थोड़ी सी भी हलचल को पहचान लेता है। अमेरिकी सरकार ने भारत को MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो की बिक्री को मंज़ूरी दी है।
खासियत
ये हथियार हल्का होता है, इसलिए इसे हेलीकॉप्टर, विमान, और जहाज़ जैसे कई तरह के प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसका इंजन लिक्विड फ्यूल को सपोर्ट करता है जिससे ये पानी के भीतर भी लगभग 9 किलोमीटर तक 74.1 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकता है। ये पानी के नीचे के टारगेट को ट्रैक कर उस पर हमला कर सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल
भारत का एक और ब्रह्मास्त्र ‘ब्रह्मोस’ एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है। ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के बीच ज्वाइंट उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिलकर बनाया है। इसलिए इसका नाम इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्को नदी के नाम पर रखा गया है। इसकी रफ्तार ध्वनि से 3 गुना ज्यादा है। ये क्रूज़ मिसाइल कम ऊंचाई पर तेज़ी से उड़ती है जिससे ये भी रडार पर नहीं आ पाती। इसकी उड़ान सीमा 290 किलोमीटर है। ब्रह्मोस मिसाइल ‘फ़ायर ऐंड फ़ॉरगेट सिद्धांत’ पर काम करती है। ये मिसाइल 200 से 300 किलो का वारहेड तक ले जा सकती है। दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि ये हवा में अपना रास्ता बदल सकती है।
INS अरिघाट
INS अरिघाट भारत की दूसरी स्वदेशी पनडुब्बी है। ये समुद्र में भारत की परमाणु मारक क्षमता का अहम हिस्सा है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। इसे विशाखापत्तनम के जहाज़ निर्माण केंद्र में बनाया गया है। इसमें 21 इंच के 6 टॉरपीडो लगे हैं। इसकी लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और वज़न 6,000 टन है। ये पानी की सतह पर 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे और पानी के भीतर 44 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। इसमें 750 किलोमीटर रेंज वाली K-15 मिसाइलें लगी हैं। ये पानी के भीतर 980 से 1,400 फ़ुट की गहराई तक जा सकती है।