प्रवासी भारतीयों की संख्या में बढ़ोतरी
डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे (Ritu Sharma Nanan Panday)ने बताया कि पिछले एक दशक से यहां प्रवासी भारतीयों ( NRI News )की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। एक अनुमान के अनसुार नीदरलैंड में
भारतीय समुदाय के लगभग 240,000 लोग रहते हैं। इस कारण यहां पर भारतीय संस्कृति व तीज-त्योहार ((Hindu traditions)भी पारंगत ढंग से मनाए जाते हैं । फिर वह होली, दिवाली, ईद, दुर्गा पूजा (Durga Puja)हो, गणेश उत्सव या बैसाखी,यहां सभी त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाये जाते हैं। आजकल पूरे नीदरलैंड के हर एक क्षेत्र में जहां भारतीय बहुलता में रहते हैं, वहां दुर्गा पूजा और डांडिया के गीतों के स्वर गूंज रहे हैं। वैसे तो यहां ज़्यादातर कार्यक्रम सप्ताहांत में ही रखे जाते हैं, लेकिन नवरात्र के दस दिनों के दौरान यहां के मंदिरों में सूरीनामी भारतीय पूरे 10 दिन तक रामायण पाठ व दुर्गा पाठ करते हैं। यहां के मंदिरों में हर रविवार को पूजा के बाद भंडारे का आयोजन किया जाता है।
नवरात्र का सामान खरीदने वालों का जमघट
उन्होंने बताया कि यहां के बाज़ारों विशेष रूप से भारतीय दुकानों में नवरात्र का सामान ख़रीदने वालों का जमघट लग जाता है। गरबा के लिए विशेष चनिया चोली तो कोई दुर्गा पूजा के लिए विशेष साड़ी, कुर्ता धोती व भारतीय परिधान ख़रीदती हुई नज़र आती हैं। आजकल ऑनलाइन ऑर्डर कर के भी भारतीय परिधान व सजावटी गहने ख़रीदे जा सकते हैं । त्योहार में घरों की साज सज्जा के लिए बाज़ार में सुंदर सुंदर तोरण, प्लास्टिक के फूल, दीपक व अन्य सजावट का सामान मिलना शुरू हो जाता है। वहीं कुछ डच दुकानों में भी इस तरह की सजावट का सामान आसानी से मिल जाता है।
मां दुर्गा की प्रतिमा के लिए भारत में आवेदन
डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ने बताया कि दुर्गा पूजा या नवरात्र शुरू होने से लगभग तीन चार माह पहले ही इन उत्सवों को आयोजित करने वाली संस्थाएं मां दुर्गा की प्रतिमा के लिए भारत में आवेदन कर देती हैं, फिर जब मूर्ति यहां आ जाती हैं तो उसकी स्थापना बड़े -बड़े हॉल या सामुदायिक भवन के हॉल में की जाती है । क्योंकि यहां बहुत ज़्यादा अग्नि का प्रयोग नहीं कर सकते, इसलिए बहुत बड़ा हवन नहीं किया जाता है । जब दुर्गा पूजा दशहरे पर समाप्त हो जाती है तब मूर्तियों को यहां नदी और समुद्र में विसर्जित नहीं किया जाता। उन्हें किसी मंदिर या कहीं सजा कर रख दिया जाता है।
भारतीय परिधानों व व्यंजनों के स्टॉल
उन्होंने बताया कि दस दिनों तक रामलीला(Ram Leela)का भी आयोजन किया जाता है और दसवें दिन देनहॉग और रौतरदाम जैसे बड़े शहरों में रावण का छोटा सा पुतला जलाया जाता है। जिन जगहों पर इन उत्सवों का आयोजन किया जाता है, वहां बड़ी संख्या में भारतीय परिधानों, भारतीय व्यंजनों व हर तरह की मिठाई व चाट और गोल गप्पों के स्टॉल लगे होते हैं, जो भारतीयों से ज़्यादा डच लोग मज़े से खाते हैं। इन उत्सवों में भारतीयों के अतिरिक्त यहां रहने वाले सूरीनामी भारतीय, डच व अन्य समुदायों (expatriate community) व देशों के निवासी,जो यहां निवास कर रहे हैं, वह भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। यहां पढ़ने आए विद्यार्थियों के लिए इस प्रकार के उत्सव उन्हें परदेस में देस का एहसास कराते हैं। नवंबर से दिवाली उत्सव की धूम शुरू होगी
डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ने बताया कि
दुर्गा पूजा के साथ ही नीदरलैंड में दिवाली उत्सव की धूम शुरू हो जाएगी। नीदरलैंड में नवंबर से यहां के उत्सव भी आरंभ हो जाते हैं। इसलिए अक्टूबर से ही पूरे नीदरलैंड में तरह तरह की आकृति वाली जगमगाती लाइट लग जाती हैं। इस तरह यहां डच और भारतीय दोनों उत्सवों का एक साथ आनंद लिया जा सकता है। फेस्टिव सीजन में प्रवासी भारतीयों और विदेशियों का उत्साह देखते ही बनता है।