गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशु पर भी प्रदूषित हवा असर डालती है। महिलाओं में गर्भावस्था संबंधित जटिलताएं देखने को मिलती हैं। इससे प्रीमैच्योर बेबी के जन्म की संभावना रहती है और शिशु के विकास पर भी असर पड़ता है। वहीं प्रदूषण से शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है, यह स्थिति बेहद गंभीर होती है।
हवा में मिली हानिकारक गैसों के सम्पर्क में आने से महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाइयों का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। उनका मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है। हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है।
पिछले सालों में महिलाओं मे पीसीओएस सिंड्रोम की परेशानियां बहुत तेजी से बढ़ी है, इसे भी वायु प्रदूषण से जोड़ कर देखा जा सकता है। ये भी परेशानी हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। वहीं जल प्रदूषण मासिक धर्म स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।