दरअसल दुनिया के पहले प्रेग्नेंट आदमी का खिताब अपने नाम करने वाले थॉमस बैटी का जन्म एक महिला के रूप में ही हुआ था लेकिन बाद में उन्होंने अपना लिंग चेंज करवा लिया। 2008 में थॉमस बैटी दुनिया के सबसे पहले प्रेग्नेंट आदमी बने थे। इसके जरिए उन्होंने यह साबित कर दिया था कि ट्रांसजेंडर आदमी, जिसके पास महिला प्रजनन अंग हैं, एक बच्चे को आसानी से जन्म दे सकता है।
इस लिंग परिवर्तन में हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि महिलाओं की आवाज पुरुषों की तरह भारी हो जाती है। इतना ही नहीं इससे महिला के उन अंगों पर बाल उग जाते हैं जहां पुरुषों के अंगों पर बाल होते हैं। इस टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की मदद से प्रजनन तंत्र में भी बदलाव हो जाता है।
बच्चे को जन्म देने वाले इस शख्स ने टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का इस्तेमाल नहीं किया था। जिस वजह से उसके प्रजनन तंत्र में बदलाव नहीं आया था। जिसके बाद उसने वीर्य को दान में लेकर गर्भधारण किया था। इस समय वह पुरुष और उसका बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
इनकी तरह ही अब दूसरे ट्रांसजेंडर भी एनएचएस के जरिए बच्चों को जन्म देने की तैयारी कर रहे हैं, जो महिलाएं सर्जरी के माध्यम से अपना सेक्स चेंज कर रही हैं, उनको भी एनएचएस इस फर्टिलिटी को मुफ्त देने का प्रस्ताव दे रही है।
कॉलेज गर्ल्स ने किया कमाल का डांस, आप भी देखिए वायरल वीडियो दर्जनभर से ज्यादा महिला पेशेंट्स ने निश्चय किया है कि वो अपने एग्स (अंडे) को संरक्षित करेंगी। हो सकता है कि सेक्स चेंज करने के बाद और आदमी बनने के बाद अगर वो बच्चे पैदा करना चाहे तो उनको किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।