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अजब गजब

माता सती के इस शक्तिपीठ की है खास मान्यता, पाकिस्तान में बने इस मंदिर को कहा जाता है ‘नानी का हज’

इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है हिंगलाज माता मंदिर
मुस्लिम बुलाते हैं इसे नानी का हज
पाकिस्तान के इस प्रांत में गिरा था माता सती का सिर

Apr 05, 2019 / 01:47 pm

Priya Singh

Hinglaj Mata shakti peetha of hindu goddess sati pakistan balochistan

माता सती के इस शक्तिपीठ की है खास मान्यता, पाकिस्तान में बने इस मंदिर को कहा जाता है ‘नानी का हज’

नई दिल्ली। हिंदू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठों में से एक माता हिंगलाज ( hinglaj mata ) की आज जयंती है। नवरात्र शुरू होने के बाद इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। यूं तो भारत में देवी हिंगलाज के कई मंदिर स्थापित हैं लेकिन इनका मुख्य मंदिर पाकिस्तान ( Pakistan ) के बलूचिस्तान ( Balochistan ) में स्थित है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस शक्तिपीठ पर हिंदू और मुस्लिम दोनों की आस्था है। जहां हिंदू समुदाय के लोग माता हिंगलाज को एक शक्तिपीठ के रूप में पूजते हैं वहीं मुस्लिम समुदाय इन्हें नानी का हज या ‘नानी मंदिर’ के नाम से बुलाते हैं।
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shakti peetha of hindu goddess sati

हिंगलाज माता को हिंगुला देवी भी कहकर बुलाया जाता है। यह मुख्य मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के किनारे स्थित है। दशकों से इस मंदिर पर लोगों की मान्यता कायम है। यह मंदिर बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाके में एक संकीर्ण घाटी में स्थित है। माता सती का यह मंदिर एक छोटी प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है। यहां एक मिट्टी की बेदी बनी हुई है। इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं हैं। मिट्टी की बेदी की पर हिंगुला यानि सिंदूर का लेप लगाया गया है।

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Hinglaj Mata

जब भगवान विष्णु ने माता सती का शिव मोह भंग करने के लिए उनपर वज्र से प्रहार किया। तब उनके शरीर के कई टुकड़े हुए। जहां-जहां उनके कटे हुए अंग गिरे वहां शक्तिपीठ बनता चला गया। मान्यता है कि हिंगलाज शक्तिपीठ माता सती का सिर कटकर गिरा था। माता हिंगलाज पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी आस्था रखते हैं। वे इस मंदिर की सुरक्षा करते हैं। यहां काफी पुरानी परंपरा निभाई जाती है जिसमें स्थानीय मुस्लिम जनजातियां, माता हिंगलाज की तीर्थयात्रा में शामिल होती हैं। स्थानीय लोग इसे नानी का हज कहकर बुलाते हैं।

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