एकीकृत लॉगिन प्रणाली से काम शुरू होने के बाद अब जिम्मेदार बेवजह अपने पास फाइल नहीं रोक सकेंगे। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम में सब कुछ ऑनलाइन होगा और काम पूरा करने का समय भी निर्धारित रहेगा। ऐसे में यदि कोई बिना वजह के फाइल रोकता है तो ऑनलाइन ही प्रदर्शित हो जाएगा कि किसके पास फाइल रूकी है और कितने दिनों से रूकी है। ऐसे में जवाबदारी तय करना आसान होगा।
अविनाश पाठक ने बताया कि इसके लिए 700 से अधिक आईडी बनाई जाएगी। जिले के सभी 52 विभागों को इससे जोड़ा जाएगा। इन विभागों में कार्यरत अधिकारियों की संख्या ही 150 से अधिक है। इसके साथ ही विभिन्न सेक्शन के लिपिक है। वहीं निर्माण से जुड़े विभाग एवं राजस्व कार्यालय में कुछ ज्यादा कर्मचारियों को जिम्मेदारियां है। ऐसे में जिले में 700 के लगभग आईडी बनाई जाएगी।
ई-फाइलिंग व्यवस्था होने के बाद से कागज की भी खूब बचत होगी। अनुमान के मुताबिक जिले के सभी विभागों में एक साल में 80 लाख से 1 करोड़ रुपए की स्टेशनी का खर्च होना बताया जा रहा है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जिला पंचायत में सबसे अधिक स्टेशनरी उपयोग होने की बात कही जा रही है। ऐसे में इस व्यवस्था के बाद से यह खर्च भी कम होगा।
यह अच्छा है। सभी ऑफिस ऑनलाइन होने के बाद से काम में सुविधा होगी। लोग कहीं से भी अपना काम कर सकेंगे। सभी विभागों के साथ ही एनआईसी को इसके लिए निर्देश दिए गए है। इसके लिए आवश्यक स्कैनर, प्रिंटर एवं कंप्यूटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। प्रयास किया जा रहा है कि तीन माह के अंदर यह काम पूरा कर लिया जाए।- अवधेश शर्मा, कलेक्टर, टीकमगढ़।