जिले के साथ सीमा से लगे यूपी के गांवों के हजारों किसान मंडी में अनाज बेचने के लिए आते हैं। यहां पर आने वाले किसानों की सुविधा के लिए मंडी बोर्ड द्वारा यहां पर पार्क का निर्माण कराया गया था। इसके साथ ही यहां पर मैदान सहित हर जगह स्वच्छता को लेकर भी मंडी बोर्ड द्वारा हर साल बजट आवंटित किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी मंडी में न तो सफाई की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है और न ही बनाए गए पार्क पर। ऐसे में मंडी के कई स्थानों पर जहां कचरे के ढेर लगे तो अन्य व्यवस्थाएं भी बेपटरी बनी हुई है।
पार्क में टूटी पड़ी कुर्सी मंडी मैदान में किसानों के बैठने और आराम करने के लिए सुंदर पार्क का निर्माण किया गया था। उसकी देखरेख नहीं होने के कारण पार्क के अंदर चारों ओर बड़ी-बड़ी घास और पेड़ उग आए हैं। बैठने वाली कुर्सियां टूट गई हैं। मंडी से निकलने वाला कचरा पार्क में जमा होने से दुर्गंध फैला रहा है। बताया गया कि जब से यह पार्क निर्माण किया गया तब से साफ-सफाई नहीं हुई है और न ही किसानों को इसका उपयोग करने दिया गया है।
दुर्गंध के बीच पेयजल व्यवस्था पार्क के पास पेयजल के लिए प्याऊ बनाई गई है। नलों के पास आरओ का शुद्ध शीतल जल लिखा गया है, लेकिन स्थिति उलट दिखाई दे रही है। यहां पर नलों के पास फैली गंदगी से दुर्गंध उठ रही है। यहां पर स्वच्छता दिखाई नहीं दे रही थी। इसके साथ ही सुविधा घर के हाल बेहाल थे। जहां किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
&अभी मैं निवाड़ी की कलेक्ट्रेट में हूं। किसानों की सुविधा के लिए पार्क का सुधार किया जाएगा और मंडी मैदान की साफ -सफाई व्यवस्थित की जाएगी। -घनश्याम प्रजापति, सचिव कृषि मंडी टीकमगढ़।