एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शैलेन्द्र सिंह (28) बीते दिन शाम को शराब के नशे में था। देर रात उसने कार लेकर दोस्तों के साथ घूमने जाने की सोची। लेकिन उसके पिता को यह चिंता थी कि वह शराब के नशे में अगर कार चलाएगा तो उसे कहीं कोई नुकसान न पहुंच जाए। यही वजह थी कि शैलेन्द्र के पिता ने उसे कार देने से मना कर दिया। कार को लेकर हुई बहस के बाद शैलेन्द्र ने गुस्से में खुद को कमरे में बंद कर लिया और नशे में खुद को गोली मार ली। हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि भागदौड़ वाली जीवनशैली, काम का बोझ और मानसिक तनाव के बीच बुरी लतें, मौजूदा दौर में लोगों की परेशानी और बढ़ा रही हैं। नशा करने वाले लोगों की शारीरिक ऊर्जा दिन-ब-दिन क्षीण होती चली जाती है। विशेषज्ञ इसे गंभीर चिंता का विषय बताते हैं।