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10 चुनाव, 6 बार भाजपा, 4 बार कांग्रेस, इस बार कमल या पंजा…कौन मारेगा बाजी?

MP Assembly Election 2023 : बीच में दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा के विधायक रहे हैं। फिर एक बार भाजपा तो दूसरी बार कांग्रेस के विधायक बदलते रहे हैं। इसलिए इस सीट की प्रकृति ज्यादा किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं रही…

विदिशाOct 14, 2023 / 11:33 am

Sanjana Kumar

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MP Assembly Election 2023 : गंज बासौदा विधानसभा सीट कभी किसी के पास स्थाई नहीं रही। शुरुआती चुनाव से लेकर अब तक यहां भाजपा-कांग्रेस में होड़ सी रही है। पिछले दस चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि दस में से छह बार भाजपा और चार बार कांग्रेस के विधायक यहां से चुने गए हैं। 1985 के बाद से तो इस सीट पर जैसे भाजपा-कांग्रेस में अदला-बदली का खेल चला है। बीच में दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा के विधायक रहे हैं। फिर एक बार भाजपा तो दूसरी बार कांग्रेस के विधायक बदलते रहे हैं। इसलिए इस सीट की प्रकृति ज्यादा किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं रही।

हालांकि जातिगत आधार पर देखें तो यहां रघुवंशी समाज के विधायकों का ही अधिक वर्चस्व रहा है। इस सीट से पांच बार रघुवंशी विधायकों ने प्रतिनिधित्व किया है। दो बार कांग्रेस के वीरसिंह रघुवंशी, एक बार भाजपा के अजय सिंह रघुवंशी और दो बार भाजपा के ही हरिसिंह रघुवंशी यहां से जीते हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने जैन समाज के उम्मीदवारों को आमने-सामने ला खड़ा किया था, इसमें पूर्व विधायक रहे कांग्रेस के निशंक जैन को हराकर भाजपा की लीना जैन विधायक चुनी गई थीं। लेकिन इस बार अब तक भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसको लेकर केवल कयास और अपने-अपने प्रयास ही चल रहे हैं। नवरात्र के शुरू होते ही उम्मीदवारों के फाइनल नाम सामने आने के आसार हैं।

रघुवंशी, ब्राह्मण और दलित वोट ज्यादा
गंजबासोदा विधानसभा क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या 3 लाख 35 हजार के करीब है, इसमें से रघुवंशी मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 27 हजार, ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 24 हजार तथा जैन मतदाताओं की संख्या 11 हजार के करीब मानी जा रही है। यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या भी करीब 27 हजार है। इसके अलावा मुस्लिम मतदाता करीब 13 और कुशवाह मतदाता 11 हजार के करीब हैं। पिछले आठ चुनावों में अब तक भाजपा और कांग्रेस ने ब्राह्मण, रघुवंशी और जैन उम्मीदवारों पर ही दांव खेला है, यही कारण है कि 1985 से अब तक रघुवंशी, ब्राह्मण और जैन समाज के विधायकों ने ही यहां का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं अब दूसरे समाज और जातियों को भी इस क्षेत्र से प्रतिधित्व की उम्मीद है कि राजनीतिक दल लीक से हटकर टिकट वितरण करें तो नए लोगों को मौका मिले।

कब कौन बना विधायक

– 1952- निरंजन वर्मा हिन्दू महासभा
– 1962-रामसिंह कांग्रेस
– 1967-हीरालाल पिप्पल जनसंघ
– 1972- सीताराम ढांडी- जनसंघ
– 1977- जमनाप्रसाद चौरसिया-जनता पार्टी
– 1980- फूलचंद वर्मा- भाजपा
– 1985- वीरसिंह रघुवंशी- कांग्रेस
– 1990- अजय सिंह रघुवंशी- भाजपा
– 1993-रामनारायण तेनगुरिया- कांग्रेस
– 1998- वीरसिंह रघुवंशी- कांग्रेस
– 2003- हरिसिंह रघुवंशी-भाजपा
– 2008- हरिसिंह रघुवंशी- भाजपा
– 2013- निशंक जैन-कांग्रेस
– 2018- लीना जैन- भाजपा

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