यूपी में डेढ़ महीने बाद अनलॉक हुए मंदिर, दर्शन को लगी भक्तों की कतार विवाद को शीघ्र खत्म करने में जुटे डीएम :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दौरे में विंध्य कॉरिडोर का कार्य शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया है। इस पर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार अलर्ट हो गए। और सभी सम्बंधित अफसरों को शेष 23 संपत्तियों की खरीदारी शीघ्र करने को कहा है। दरअसल न्यू वीआईपी मार्ग पर लगभग साढ़े छह हजार फीट की जमीन पर विवाद है। इसमें तीन पक्ष अपने को स्वामी बता रहे है। दो दिनों से नगर मजिस्ट्रेट से लेकर जिलाधिकारी के समक्ष तीनों लोग अपना-अपना अधिकार जताने में लगे हैं। जिलाधिकारी ने तीनों पक्षों को मौके पर बुलाकर जमीन की सीमा चिह्नित करने को कहा। मामले का निस्तारण न होने की स्थिति में जिलाधिकारी ने तीनों पक्षों को अपने दफ़्तर में अपने-अपने दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा है।
विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपए :- विंध्य कॉरिडोर का काम नवंबर 2020 में शुरू हुआ था। इसके अक्टूबर 2021 तक साकार होने की उम्मीद है। विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपए है। परिक्रमा पथ में आने वाली परिसम्पत्तियों व भवनों को खरीदने के लिए 20 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मंदिर से लगे चार प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण के लिए करीब 33 करोड़ रुपए की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है।
हर कोना श्रद्धालुओं को लुभाएगा :- विंध्य कॉरिडोर के बनने पर इसका हर कोना अपनी पारंपरिक धरोहर बयां करेगा। विंध्यवासिनी मां मंदिर के आसपास के अन्य मंदिर इसके प्रमुख आकर्षण केंद्र होंगे। जिसमें मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा व उत्तराकाली (कालीखोह) का त्रिकोण दर्शन करने को मिलेगा। इसके साथ ही रामगया घाट, मां तारा देवी मंदिर, रत्नेश्वर महादेव मंदिर व शिवपुर के दर्शन होंगे। त्रिकोण क्षेत्र में स्थित मोतिया तालाब, गेरूआ तालाब, नरसिंह तालाब, नागकुंड, भैरव कुंड व सीता कुंड का आकर्षण सभी को लुभाएगा। इसके अतिरिक्त अघोरेश्वर भगवान राम तपोस्थली, अष्टभुजा पर्वत इस कॉरिडोर का आकर्षण रहेंगे।