प्लांट की लागत 150 करोड़ बताया जा रहा है कि, शहर विस्तार के बाद काशी में प्रतिदिन 600 टन कचरा निकलता है। इस प्लांट के शुरू होने के बाद जहां इस कचरे का निस्तारण होगा वहीं कोयला भी मिलेगा। इस प्लांट में एक किग्रा कोयला बनाने में छह रुपए का खर्च आएगा। जबकि बाजार में कोयले की कीमत कई गुना ज्यादा है। इस प्लांट की लागत करीब 150 करोड़ रुपए है। बनारस की सफलता के बाद इंदौर, भोपाल सहित देश के कई हिस्सों में यह प्लांट लगाया जाएगा।
दिसम्बर 2022 तक होगा शुरू वाराणसी नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि, प्लांट का संचालन एनटीपीसी करेगा और नगर निगम हर रोज कचरा उपलब्ध कराएगी। पीएम नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे। दिसम्बर 2022 में यह प्लांट काम करना शुरू कर देगा।
नई दिशा दिखाएगा इस प्लांट के संचालन के बाद न केवल शहर में बढ़ रहे कचरे के ढेर से निजात मिलेगी, बल्कि इसका उपयोग भी किया जा सकेगा। बिजली उत्पादन इकाइयों में कोयला संकट से निजात के लिए वाराणसी में होने वाला यह प्रयोग देश को नई दिशा दिखाएगा।