निर्माण में ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष ध्यान नमो घाट से जल और वायु मार्ग को जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटक अन्य शहरों तक भी जा सके। इस घाट की विशेषता है कि यह आधा किलोमीटर लंबा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी.वासुदेवन ने कहा कि करीब 21000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस घाट की लागत 34 करोड़ रुपये है। यह लगभग आधा किलोमीटर लंबा है और इसका पहला चरण बनकर तैयार हो गया है। इसके निर्माण में ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष ध्यान दिया गया है।
जानें नमो घाट की विशेषताएं इस घाट पर ‘वोकल फॉर लोकल’ भी दिखेगा। श्रद्धालु बनारस की सुबह देखने के बाद यहां शाम को गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा यहां ओपन थियेटर, लाइब्रेरी, बनारसी खानपान के लिए फूड कोर्ट की व्यवस्था है। यहां एक बहुउद्देशीय प्लेटफॉर्म भी होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। यहां श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम सुगम दर्शन का टिकट ले सकते हैं। साथ ही श्रद्धालु जेटी से बोट द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम भी जा सकेंगे। क्रूज के जरिये पास के दूसरे शहरों का भी भ्रमण करना आसान होगा। वहीं बहुउद्देशीय प्लेटफार्म से हेलीकाप्टर द्वारा उड़ान भरकर अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक भी जाया जा सकता है।
बाढ़ में सुरक्षित रहेगा घाट घाट के निर्माण में जिस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है उससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। देखने में यह घाट बाकी घाटों की तरह है लेकिन यहां तक गाड़ियां जा और घाट पर ही वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी है। पर्यटक यहां वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकेंगे। इसके साथ ही लोग यहां मॉर्निंग वॉक, व्यायाम और योग आदि भी कर सकेंगे। दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक जाने के लिए रैंप भी बनाया गया है। यहां एक बहुउद्देश्यीय प्लेटफार्म होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी हो सकता है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नावों के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी खिड़किया घाट पर ही बनाया गया है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहाँ अलग से सीएनजी स्टेशन बनाया गया है।