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वाराणसी

काशी में ‘नमो घाट’ बनकर तैयार, पर्यटकों को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं, जानें यहां क्या है खास

वाराणसी के नए घाट का नाम ‘खिड़किया घाट’ है। इसे ‘नमो घाट’ के नाम से जाना जाएगा। जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी इस घाट का उद्धाटन करने वाराणसी आएंगे। घाट पर तीन जोड़ी अभिवादन करती हुई तीन जोड़ी बड़ी हाथ की आकृतियां बनाई गई हैं।

वाराणसीApr 26, 2022 / 06:22 pm

Karishma Lalwani

Varanasi Namo Ghat Facilities Ready to Open for Tourists

Namo Ghat File Photo

शिवनगरी काशी एक ऐसा शहर है, जो दुनिया के कोने-कोने से पर्यटकों और श्रद्धालुओ को अपनी ओर आकर्षित करता है। हर साल लाखों की संख्या में विदेशी यहां के घाटों पर आते हैं और शहर की खूबसूरती का आनंद लेते हैं। विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन चुके बनारस शहर में वैसे तो देखने के लिए बहुत कुछ है लेकिन अब इस सूची में एक और नाम जुड़ने जा रहा है। शहर के गंगा घाटों में अब एक और नया घाट शामिल हो जाएगा। इस नए घाट का नाम ‘खिड़किया घाट’ है। इसे ‘नमो घाट’ के नाम से जाना जाएगा। जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी इस घाट का उद्धाटन करने वाराणसी आएंगे। घाट पर तीन जोड़ी अभिवादन करती हुई तीन जोड़ी बड़ी हाथ की आकृतियां बनाई गई हैं। सूर्य का अभिवादन और गंगा को प्रणाम करते हाथों के इन तीनों शिल्पों की वजह से इस घाट को लोग ‘नमो’ घाट कहते हैं। काशी के करीब 84 घाटों की श्रृंखला में यह नया घाट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घाट पर करीब 34 करोड़ रुपये की लागत आई है।
निर्माण में ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष ध्यान

नमो घाट से जल और वायु मार्ग को जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटक अन्य शहरों तक भी जा सके। इस घाट की विशेषता है कि यह आधा किलोमीटर लंबा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी.वासुदेवन ने कहा कि करीब 21000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बन रहे इस घाट की लागत 34 करोड़ रुपये है। यह लगभग आधा किलोमीटर लंबा है और इसका पहला चरण बनकर तैयार हो गया है। इसके निर्माण में ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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जानें नमो घाट की विशेषताएं

इस घाट पर ‘वोकल फॉर लोकल’ भी दिखेगा। श्रद्धालु बनारस की सुबह देखने के बाद यहां शाम को गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा यहां ओपन थियेटर, लाइब्रेरी, बनारसी खानपान के लिए फूड कोर्ट की व्यवस्था है। यहां एक बहुउद्देशीय प्लेटफॉर्म भी होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। यहां श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम सुगम दर्शन का टिकट ले सकते हैं। साथ ही श्रद्धालु जेटी से बोट द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम भी जा सकेंगे। क्रूज के जरिये पास के दूसरे शहरों का भी भ्रमण करना आसान होगा। वहीं बहुउद्देशीय प्लेटफार्म से हेलीकाप्टर द्वारा उड़ान भरकर अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक भी जाया जा सकता है।
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बाढ़ में सुरक्षित रहेगा घाट

घाट के निर्माण में जिस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है उससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। देखने में यह घाट बाकी घाटों की तरह है लेकिन यहां तक गाड़ियां जा और घाट पर ही वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी है। पर्यटक यहां वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकेंगे। इसके साथ ही लोग यहां मॉर्निंग वॉक, व्यायाम और योग आदि भी कर सकेंगे। दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक जाने के लिए रैंप भी बनाया गया है। यहां एक बहुउद्देश्यीय प्लेटफार्म होगा, जहां हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी हो सकता है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नावों के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी खिड़किया घाट पर ही बनाया गया है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहाँ अलग से सीएनजी स्टेशन बनाया गया है।

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