यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इतने नये सदस्य बनायेगी बीजेपी
शहर के अनेक तालाब व कुंडों को भूमाफिया ने कब्जा कर उसे खत्म कर दिया है जो बचे हुए है उसमे से अधिकांश की स्थिति खराब है। पांडेयपुर चौराहे पर ही एक तालाब है, जिस कूड़े से पाट कर खत्म करने की साजिश की जा रही है लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है। तालाब व कुंड तो दूर की बात है। वरूणा नदी के किनारे बड़े लोगों ने अतिक्रमण कर नदी की धारा ही मोड दी है। अखिलेश यादव व सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में जिस अधिकारी ने यहां के अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया था उसे गद्दी ही छोडऩी पड़ गयी थी। वरुणा नदी की स्थिति को देख कर एनजीटी के पूर्वी यूपी के चेयरमैन जस्टिस डीपी सिंह ने कड़़ी नाराजगी जतायी थी और अतिक्रमण को हटाने को कहा था लेकिन आज भी अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखायी।
यह भी पढ़े:-यह पुलिसकर्मी भी होंगे सेवा से बाहर, बनायी गयी स्क्रीनिंग कमेटी
बड़ी बात है कि मानसून के समय ही तालाब, कुंड व नदी की स्थिति नहीं सुधरी तो जल संरक्षण करना कठिन हो जायेगा। मानसून के समय पानी की कमी नहीं रहती है। तालाब, कुंड व नदी की स्थिति सही रहेगी तो मानसून का पानी से यह भर जायेंगे। इससे भूजल की स्थिति भी सुधरेगी और गर्मी में पानी की कमी नहीं होगी। पीएम मोदी ने अभियान की शुरूआत तो कर दी है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के अधिकारी अभी कुंडों को लेकर सक्रिय नहीं हो पाये हैं।
यह भी पढ़े:-पीएम मोदी ने इन पांच लोगों को खुद दिलायी सदस्यता, कोई चलता है रिक्शा ट्राली तो कोई करता है मकान पेंटिंग का काम