कोरोनो रोगियों के लिए उद्यमियों ने दिए 11 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर स्थानीय प्रशासन की माने तो एक महीने पहले जिले में जाे हालात थे अब वह बदल गए हैं। एक माह से भी कम समय में ऑक्सीजन उत्पादन और सिलेंडर रिफलिंग की क्षमता कई गुणा बढ़ गई है। कोरोना की दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन की मांग बढ़ी तो जिले में हालात काफी अच्छे नहीं थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ UP CM Yogi Adityanath के आदेशों पर अस्पतालों में प्लांट लगाने का कार्य तेजी से शुरू किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि एक महीने से भी कम समय में वाराणसी ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए आत्म निर्भर हाे गया। इसी अवधि में
दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में 610 एलएमपी का प्लांट लगाने का काम शुरू किया गया। इस प्लांट से 120 बेड लिए ऑक्सीजन उत्पादन शुरू हाे गया है। इसी तरह से
लालबहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल रामनगर में 120 एलएमपी का प्लांन्ट 25 बेड पर ऑक्सीजन देने लगा है।
ईएसआईसी अस्पताल पांडेयपुर में भी दो प्लांट 250 एलएमपी और 610 एलएमपी शुरू हाे गए हैं यहां से भी 120 बेड को ऑक्सीजन मिलेगी यह यूनिट इजराइल से भारत आई है। बरेका के केंद्रीय अस्पताल में भी 610 एलएमपी के ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है यह भी जल्द शुरू हाे जाएगा।
पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी 750 बेड के लिए ऑक्सीजन सप्लाई दे रहा है। उद्यमियों काे छूट दी गई है कि वह सीएसआर फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगवा सकेंगे। इसके बाद कई उद्यमी आगे आए हैं जो ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। अब अगले चरण में देहात इलाकों के स्वास्थ केन्द्रों पर भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की क़वायद शुरू हाे गई है। इस योजना के तहत सामुदायिक केन्द्रों और स्वास्थ केंद्रों के भी जल्द ऑक्सीजन से लैस किया जाएगा।
चंदौली जिले पर निर्भर था वाराणसी ( varanshi news in hindi ) जब कोरोनाा वायरस की लहर शुरू हुई तो बनारस में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं था। पूरा जिला चंदौली के दगो एलएमओ रिफिलिंग संयंत्र और दो एएसयू संयंत्रों पर निर्भर था। वाराणसी के अस्पतालों को 1900 सिलेंडर (डी प्रकार) भरने की क्षमता थी ऐसे त्वरित निर्णय लेते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के प्लांट से रिफलिंग होने वाले सिलेंडर की सप्लाई भी अस्पतालों के लिए शुरू की गई। ऐसे में मांग को पूरा करने के लिए गुजरात से 600 सिलेंडर लिए गए और और 550 सिलेंडर उद्योगों से लिए गए ताकि होम आईसोलेशन रोगियों काे भी ऑक्सीजन की कमी ना हो। इनके अलावा 200 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर अलग-अलग अस्पतालों काे दिए गए अब 485 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और मिले हैं। यानी साफ है कि अब वाराणसी में ऑक्सीजन की किल्लत लगभग खत्म हाे गई है।