अमृतसर से चल कर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस टाटानगर जा रही थी। ट्रेन में लखनऊ से लोको पायलट एसके तिवारी ही ट्रेन को चला रहे थे। इस ट्रेन का शिवपुर स्टेशन पर ठहराव नहीं होता है लेकिन जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो आगे जाने की लाइन क्लीयर नहीं थी इसके चलते ट्रेन को स्टेशन पर ही रोकना पड़ा। इसके बाद लोक पायलट ने ट्रेन को कैंट रेलवे स्टेशन पर ले जाने से इंकार कर दिया। लोको पायलट का कहना था कि उसकी ड्यूटी 11 घंटे 30 मिनट से अधिक हो गयी है इसलिए वह ट्रेन आगे लेकर नहीं जायेंगे। इसके बाद रेलवे अधिकारियों ने वाराणसी-गोंडा इंटरसिटी एक्सप्रेस के लोको पायलट को शिवपुर रेलवे स्टेशन भेजा गया। नये लोको पायलट ने जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को लेकर रवाना हुए। शिवपुर में टे्रेन दोपहर में 1 बज कर 12 मिनट पर पहुंची थी। पायलट के नहीं होने के चलते ट्रेन तीन बज कर 12 मिनट पर रवाना हुई। इस संदर्भ में स्टेशन निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि सम्पूर्ण प्रकरण की रिपोर्ट मंडल मुख्यालय भेजी जायेगी। लखनऊ मंडल स्तर से ही इस में कार्रवाई होगी।
यह भी पढ़े:-प्रमाण पत्र जुटाने का माध्यम बन गयी है आज की शिक्षा प्रणाली-आनंदीबेन पटेल ट्रेन रोके जाने से भी नाराज था लोको पायलटइस प्रकरण में एक और बात सामने आ रही है। जलियांवाला बाग एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से चार घंटे लेट चल रही थी। ट्रेन जब शिवपुर पहुंची तो लाइन क्लीयर नहीं होने के चलते उसे रोक दिया गया था। राइट टाइम चल रही देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस भी पीछे से आ गयी थी। जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को रोक कर देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस को रवाना किया गया था जिसके चलते भी लोको पायलट बहुत नाराज था।
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