वाराणसी. क्राइम ब्रांच व लोहता पुलिस ने सोमवार को टप्पेबाजी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के आठ सदस्यों को पकडऩे में सफलता पायी है। गिरोह के सदस्य बेहद शातिर है। टप्पेबाजी कर उड़ाये गये माल को अपने बच्चों से ठिकाने लगाते थे, यदि पुलिस उनके बच्चों को पकड़ भी लेती तो जेल नहीं जाना पड़ता। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि अपराधियों के पास से लाखों के जेवरात, दो तमंचा, 11 मोबाइल व 58.800 रुपये बरामद हुआ है। पकड़े गये सभी शातिर महाराष्ट्र के निवासी है और वहां की पुलिस से सम्पर्क कर उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी ली जा रही है। यह भी पढ़े:-यह पुलिसकर्मी भी होंगे सेवा से बाहर, बनायी गयी स्क्रीनिंग कमेटी
IMAGE CREDIT: Patrika IMAGE CREDIT: Patrika एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि क्राइम ब्रांच व लोहता पुलिस अपराधियों की तलाश में जुटी थी इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि रोहनिया तिराहे के पास मस्तान बाबा के पास कुछ शातिर बदमाश अवैध असलहे के साथ मौजूद है। क्राइम ब्रांच व लोहता पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां पर कुछ लोग खड़े हुए दिखायी दिये। पुलिस को देखते हुए एक बदमाश ने फायर कर दिया। इसके बाद पुलिस व क्राइम ब्रांच ने घेर कर चार लोगों को पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच ने कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि बदमाशों के चार साथी मोहनसराय बाईपास के पास खड़े हैं, जिनके पास चोरी का माल है और वह सभी महाराष्ट्र जाने वाले हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच व लोहता पुलिस ने मोहनसराय के पास से चार और लोगों को पकड़ कर तलाशी ली तो उनके पास से आभूषण, पैसा व मोबाइल बरामद हुआ। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि महाराष्ट्र निवासी आठों शातिर बदमाश आतिस नाड़े, संतोष पात्रे, जगन्नाथ तुकाराम, दीपक वेंकट, नेहरू जवाहर, बब्बन विनायक, अमित विनायक व विजय जियालाल को जेल भेज दिया गया है। अपराधियों को पकडऩे में क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह, लोहता एसओ राकेश सिंह, प्रदीप यादव, सुमंत सिंह, पुनदेव सिंह, घनश्याम वर्मा, सुरेन्द्र मौर्या आदि पुलिसकर्मी शामिल थे। यह भी पढ़े:-कमिश्रर व आईजी ने जिला जेल में मारा छापा, मिला मोबाइल फोन
बड़े शहरों में रह कर करते थे रेकी, आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद हो जाते थे फरार क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़े गये बदमाश बेहद शातिर है। बड़े शहरों में परिवार के साथ रहते थे। घर की महिलाएं भी मेलों व तीज-त्योहार में जाकर चेन स्नेचिंग का काम करती थी। किसी घर की रेकी करते थे बाद में टप्पेबाजी कर अपना ठिकाना बदल देते थे। क्राइम ब्रांच प्रभारी के अनुसार मकान किराये पर लेते समय फर्जी आईडी का उपयोग करते थे। चोरी का माल महिला व बच्चों से महाराष्ट्र भेजवा देते थे। यदि उन्हें शह हो जाता था कि पकड़ जा सकते हैं तो चोरी का माल खपाने के लिए बच्चों का भी उपयोग करते थे। यह भी पढ़े:-कृष्णानंद राय हत्याकांड से दहल गया था पूर्वांचल, अंतिम संस्कार में उमड़ा था जनसैलाब
Hindi News / Varanasi / बच्चों से टप्पेबाजी किये गये माल को लगाते थे ठिकाने, पकड़े जाते तो नहीं जाना पड़ता जेल