बीजेपी के सबसे खास सीट आजमगढ़ थी जहां पर अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत सपा प्रत्याशी को चुनाव लडऩा था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की सीट पर खुद चुनाव लडऩे का ऐलान किया है इसके बाद से कयास लगाये जा रहे थे कि पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी इस सीट पर खास प्रत्याशी को उतार सकती है। बीजेपी के पूर्व सांसद बाहुबली रमाकांत यादव का नाम बीजेपी सूची में सबसे उपर था। रमाकांत यादव को दिल्ली भी बुलाया गया था जहां पर पता चला कि सीएम योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के चलते रमाकांत यादव को टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह दिनेश लाल यादव निरहुआ को टिकट दिया गया। इससे साफ हो जाता है कि बीजेपी नहीं चाहती थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ को नाराज कर किसी को प्रत्याशी बनाया जाये। राबर्ट्सगंज से बीजेपी सांसद छोटे लाल खरवार ने सीएम योगी की पार्टी आलाकमान से शिकायत की थी इसके बाद बीजेपी ने जब सूची जारी की तो छोटे लाल खरवार की सीट को अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल को दे दी गयी। इलाहाबाद के सांसद रहे श्याम चरण गुप्ता की सीएम योगी से नहीं बनती थी। श्याम चरण गुप्ता का टिकट कटने का पहले ही आभास हो गया था जिसके बाद उन्होंने सूची आने से पहले ही सपा ज्वाइन कर ली थी इसके बाद बीजेपी ने डा.रीता जोशी बहुगुणा को इलाहाबाद का प्रत्याशी बनाया। यूपी की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी अब अपने तरीके से काम कर रहे हैं जिसका असर प्रत्याशियों की सूची पर भी दिखायी दे रहा है।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र मोदी तोड़ेंगें अपना पुराना रिकॉर्ड, बीजेपी की बैठक में हुआ खुलासा बीजेपी ने गोरखपुर से अभी किसी को प्रत्याशी नहीं बनायाबीजेपी ने सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ कहे जाने वाली गोरखपुर सीट से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है। महागठबंधन से निषाद पार्टी को अलग कर बीजेपी के साथ जुड़ गयी है इसके बाद भी गोरखपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है। सूत्रों की माने तो सीएम योगी की मर्जी के बिना बीजेपी इस सीट से किसी को प्रत्याशी नहीं बना सकती है। ऐसे में सीएम योगी व बीजेपी दोनों के ही पसंद के प्रत्याशी की खोज की जा रही है।
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