वाराणसी. बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर विधायक और मायावती के खास क्षत्रिय नेता उमाशंकर सिंह की विधायकी खत्म करने के लिये यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने आदेश दे दिया है। यह सूचना पूर्वांचल और खासतौर से बलिया में एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। उमाशंकर सिंह बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनकी विधायकी को चुनौती दी गयी थी, जिसके बाद से लगातार उनके विधायक रहने पर ही तलवार लटक रही थी। उधर बसपा नेता की विधायकी जाने की सूचना आई तो इधर सपा के मंत्री और गाजीपुर विधानसभा से विधायक विजय मिश्रा की विधायकी पर भी तलवार लटकी है। हाईकोर्ट ने उनके चुनाव में पड़े डाक मतों की दोबारा गिनती का आदेश दिया है।
दरअसल बलिया के रसड़ा सीट से विधायक उमाशंकर सिंह पर आरोप है कि वह 2009 से ही सरकारी ठेके लेकर सड़क निर्माण का काम करते चले आ रहे हैं। कुछ दिन पहले भी राज्यपाल राम नाइक ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर उमाशंकर सिंह की विधानसभा सदस्यता पर शीघ्र निर्णय लेकर अवगत कराने के लिये पत्र लिखा था।
उधर गाजीपुर विधानसभा सीट से सपा के विधायक विजय मिश्र की विधायकी पर भी इसी तरह की तलवार लटकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी विधायकी भी जा सकती है। हालांकि अभी इस बारे साफ-साफ कोर्ट के आदेश के बाद ही कहा जा सकता है। गाजीपुर विधानसभा चुनाव 2012 की मतगणना में तत्कालीन बसपा प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सिंह गौतम ने आरोप लगाया था कि डाक मतों की गिनती नहीं करायी गयी। इसको लेकर उन्होंने कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी। इसी पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया।
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