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Baba Kaal Bhairav मंदिर में प्रतिदिन दर्शन किया जा सकता है। सुबह भोर की आरती के बाद मंदिर गर्भ गृह भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है इसके बाद दोपहर की आरती के समय कुछ देर मंदिर में दर्श नहीं मिलता है। रात में आरती के समय भी भक्त अपने बाबा का दर्शन कर सकते हैं। रविवार व मंगलवार को मंदिर में दर्शन करने से विशेष फल मिलता है। रविवार को बहुत भीड़ रहती है इसलिए बाबा का आराम से दर्शन करना है तो मंगलवार का दिन आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
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बाबा काल भैरव कब से विराजमान है इसका कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता है। बाजीराव पेशवा और कालांतर में रानी अहिल्या बाई होलकर ने मंदिर को जीर्णोद्धार कराया था। Kaal Bhairav का मंदिर गली है इसलिए भीड़ होने के समय आपको दर्शन करने में असुविधा हो सकती है इसलिए सुबह या रात का समय दर्शन के लिए सबसे अच्छा रहता है।
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बाबा Kaal Bhairav मंदिर के पास होटल व लॉज की संख्या अधिक नहीं है इसलिए आप शहर के अन्य जगहों पर होटल लेकर रुक सकते हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद बाबा काल भैरव का दर्शन करने जा सकते हैं। दोनों ही मंदिरों की बीच की दूरी दो से तीन किलोमीटर है।
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