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बनारस सीट का चुनाव कई मायानों में बेहद दिलचस्प था। पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रिंयका गांधी ने बनारस से चुनाव लडऩे की इच्छा जतायी थी। प्रियंका गांधी के चलते ही बनारस से कांग्रेस ने पहले प्रत्याशी नहीं उतारे थे बाद में कांग्रेस को समझ आ गया कि प्रियंका गांधी भी बनारस से चुनाव लड़ती है तो उन्हें शिकस्त खानी पड़ सकती है इसके बाद राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को बनारस से नहीं उतारा। ऐसी ही कुछ कहानी अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन की है। पहले यहां पर बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को प्रत्याशी बनाया था और तेज बहादुर यादव के साथ शालिनी यादव का नामांकन भी कराया गया था। इसके बाद बनारस सीट पर जबरदस्त चुनावी जंग की लोगों को उम्मीद हो गयी थी। तेज बहादुर यादव का पर्चा खारिज हो जाने के बाद शालिनी यादव ही महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। शालिनी यादव भले ही पीएम नरेन्द्र मोदी को टक्कर नहीं दे पायी थी लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को तीसरे स्थान पर धकेलने में सफलता मिल गयी थी।
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