इस क्रूज का डिजाइन सरकार की कंपनी गोवा शिपयार्ड ने तैयार किया है। दो मंजिले क्रूज में 100 लोग आराम से बैठ सकते हैं। इसे बीते साल 23 नवंबर को वाराणसी के लिये रवाना किया गया था और इसे 20 दिसंबर केा पहुंचना थ, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों और मौसम की खराबी के चलते डेढ़ महीने से भी ज्यादा की देरी हो गई। गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार होते हुए गाजीपुर और बलुआ के रास्ते रविवार को 67 दिन बाद वाराासी के रविदास घाट पर पहुंचा।
राजघाट से अस्सी के बीच चलेगा
क्रूज की सवारी कब से की जा सकेगी यह पर्यटन विभाग को तय करना है। राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आरबी सिंह ने मीडिया से बताया है कि नया क्रूज दो मंजिला और बेहद अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें 100 पर्यटकों के बैठने की क्षमता है। इसे राजघाट से अस्सी के बीच चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसको तैयार करने में 10.17 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
पीएम ने की थी क्रूज की सवारी
वाराणसी में पर्यटकों को गंगा की सैर कराने के लिये अलखनंदा लग्जरी क्रूज पहले से चल रहा है। बीते साल 30 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पहली बार वाराणसी की देव दीपावली में शामिल हुए थे तो उन्होंने लग्जरी क्रूज अलखनंदा की ही सवारी की थी। इसके पहले भी पीएम मोदी वाराणसी में क्रूज की सवारी कर चुके हैं।