वास्तु टिप्स (Vastu Tips)
कई लोग बिजनेस में लगन से काम करने के बाद भी सफल नहीं होते हैं। कभी दुकान नहीं चलती है या कामकाज में रूकावटें आती रहती हैं, जिससे आर्थिक परेशानियां खत्म नहीं होती हैं। इसका कारण वास्तु दोष हो सकता है। आइये जानते हैं इसके निवारण के वास्तु टिप्स… यह भी पढ़ेः अगर आप भी भाग्यलक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो जानें झाड़ू से जुड़े वास्तु टिप्स 1. दुकान का आकार और दिशावास्तु शास्त्र के अनुसार आपकी दुकान का सामने वाला भाग चौड़ा और पीछे की ओर संकरा होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसी संरचना से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो व्यापार में लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अलावा अगर आपकी दुकान चारों कोनों से एक समान आकार में है तो इसे भी शुभ माना जाता है। इसके साथ ही दुकान का प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। इन दिशाओं से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन भी होता है और व्यापारिक लाभ की संभावनाएं बढ़ती हैं।
2. बैठने की दिशावास्तुशास्त्र के अनुसार दुकान में बैठने की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। दुकान में बैठने वाले को हमेशा पूर्व दिशा की ओर बैठना चाहिए, ताकि ग्राहक से बातचीत करते समय उसका मुख उत्तर दिशा की ओर रहे। ऐसा करने से दुकान में कभी भी धन की कमी नही होती है। इसी प्रकार दुकान में खड़े या बैठे सेल्समैन का मुख भी पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, जिससे ग्राहक के साथ उनका संपर्क बेहतर बना रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह उन्नति के रास्ते खोलता है।
3. कैश रखने की जगह यदि आपके व्यवसाय में घाटा हो रहा है तो अपनी दुकान में कैश रखने का स्थान ध्यानपूर्वक चुनें। इस जगह पर लाल कपड़े में सौंफ बांधकर 43 दिनों तक वहां रखें। इसके बाद इसे किसी मंदिर में चढ़ा दें और एक नई सौंफ की पोटली बनाकर तिजोरी में रखें। माना जाता है कि यह उपाय आर्थिक समस्याओं को दूर करता है और धन के आगमन को बढ़ाता है।
यह भी पढ़ेः जानिए बर्बरीक से खाटू श्याम बनने की रहस्यमयी कहानी 4. बीम के नीचे न बैठेंदुकान में व्यक्ति के बैठने का स्थान बीम के नीचे नहीं होना चाहिए। ऐसी स्थिति मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकती है। यदि किसी कारण से ऐसा करना संभव न हो, तो बीम के नीचे एक बांसुरी लटकाने का उपाय किया जा सकता है। यह नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और वास्तु दोष को समाप्त करने में सहायक होता है।
5. प्रवेश द्वार का चयनदुकान का प्रवेश द्वार उत्तर, पूर्व या ईशान कोण में होना चाहिए। यह दिशाएं शुभ मानी जाती हैं और व्यवसाय में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती हैं। भूलकर भी पश्चिम और दक्षिण दिशा में प्रवेश द्वार न बनवाएं। इन दिशाओं से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जो व्यापारिक बाधाओं और आर्थिक समस्याओं को जन्म देता है।
6. साफ-सफाई और मंगल चिह्नवास्तुशास्त्र के अनुसार दुकान को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखना आवश्यक है। हर रोज दुकान में धूप-दीप दिखाना शुभ फलदेने वाला होता है। साथ ही दीवारों पर स्वास्तिक, शुभ-लाभ और रिद्धि-सिद्धि जैसे मांगलिक चिह्न लगाने से दुकान में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यापार में बरकत होती है। यह भी ध्यान रखें कि दुकान में कबाड़ जमा न हो, क्योंकि ऐसा होने पर वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है जो लाभ को रोकता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका
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