UP Cold Wave Alert: उत्तर प्रदेश में शीतलहर का कहर: अयोध्या में पारा 2.5 डिग्री, बलिया में 6.6 डिग्री की गिरावट
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के बाल रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ. शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि नवजात शिशु की अवस्था जन्म से लेकर 28 दिनों तक होती है और यह समय बेहद नाजुक होता है। खासकर सर्दियों में जन्मे बच्चों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी आवश्यक है। इस मौसम में उन्हें निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।डॉ. शालिनी त्रिपाठी के अनुसार, निमोनिया एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया, वायरस, या कवक (फंगस) के संक्रमण से होती है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छींकने और खांसने से निकलने वाली वायुजनित बूंदों के माध्यम से फैलती है। उन्होंने बताया कि निमोनिया में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, फेफड़ों की छोटी थैलियों में संक्रमण से लड़ती है, जिससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है और उनमें तरल पदार्थ भरने लगता है। नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।
UP Cold Wave Alert: 48 घंटे बेहद अहम: पश्चिमी यूपी में शीतलहर का कहर, अलर्ट जारी
सर्दियों में क्यों बढ़ता है निमोनिया का खतरा
.ठंड में नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।.बैक्टीरिया और वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
.शिशुओं को ठंड से बचाने की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के महाप्रबंधक डॉ. सूर्याश ओझा ने बताया कि प्रदेश में “स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट्स (SNCU)” सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर इन यूनिट्स में नवजात शिशुओं को भर्ती किया जाता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं और यदि बच्चे में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखें तो तत्काल पास के सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं।
Lucknow के गोमती रिवर फ्रंट पर बनेगा पेडिस्ट्रियन ब्रिज: पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
इन लक्षणों पर रखें नजरडॉक्टरों के अनुसार यदि नवजात शिशु में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए:
.सांस लेने में परेशानी या मां का दूध पीने में दिक्कत।
.सांस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज, खांसी या बलगम।
.बुखार आना या बच्चे का सुस्त रहना।
.ठंड लगने पर उल्टी या दस्त की समस्या।
हाइपोथर्मिया और निमोनिया से बचाव के उपाय
1. नवजात को ठंड से बचाएं:नवजात शिशु को हमेशा गरम कपड़े पहनाएं।सिर, हाथ, पैर को अच्छे से ढकें।
शिशु को ठंडे कमरे में न रखें और हल्का गरम तापमान बनाए रखें।
घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
नवजात को मां का दूध पिलाते रहें क्योंकि यह प्राकृतिक प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। 3. डॉक्टर की सलाह: यदि बच्चे को बुखार, सांस में तकलीफ या अन्य लक्षण हों, तो तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं।
डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें।
प्रदेश सरकार ने ठंड में नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं शुरू की हैं। सरकारी अस्पतालों में SNCU के अलावा मुफ्त इलाज और दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
Mahakumbh 2025: यूपी के हर हिस्से से श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल ट्रेनें, रेलवे के व्यापक इंतजाम
विशेषज्ञों की रायडॉ. शालिनी त्रिपाठी कहती हैं कि “सर्दियों में नवजात की देखभाल करना बेहद जरूरी है। निमोनिया और हाइपोथर्मिया जैसे खतरे से बचाव के लिए माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए।”सर्दी के मौसम में नवजात शिशुओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। निमोनिया, हाइपोथर्मिया और अन्य बीमारियों के लक्षणों पर माता-पिता को तत्काल एक्शन लेना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है, इसलिए किसी भी समस्या पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।