मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य नहीं मौजूद थे। इसके बाद से ही कयासबाजी शुरू हुई। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 9 मई को ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। वह अपनी पार्टी आरएसपी के उम्मीदवार होंगे।
उत्कृष्ठ मौर्य दो बार लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव
स्वामी प्रसाद मौर्य काफी समय से अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। वह अपने बेटे को दो बार यूपी की ऊंचाहार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा चुके हैं लेकिन दोनों बार उत्कृष्ठ मौर्य को हार का सामना करना पड़ा था। 2022 विधानसभा चुनाव के समय स्वामी प्रसाद मौर्य तीसरी बार सपा के टिकट पर अपने बेटे को ऊंचाहार से चुनाव लड़ाने चाहते थे लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिकट नहीं दिया। अखिलेश यादव अपने करीबी मनोज पांडेय पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे ने रणनीति के तहत भरा पर्चा
स्वामी प्रसाद मौर्य राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन किया। इसके बाद उन्होंने इंडिया गठबंधन को समर्थन देने का ऐलान किया। मौर्य को भरोसा था कि कुशीनगर लोकसभा सीट पर वो गठबंधन के उम्मीदवार होंगे, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया और प्रचार- प्रसार में जुट गए। इसी बीच उनके बेटे ने भी निर्दलीय पर्चा भर दिया। जानकारों का कहना है कि मौर्य के बेटे ने रणनीति के तहत पर्चा भरा है। अगर किसी कारण स्वामी प्रसाद मौर्य का पर्चा खारिज हो जाता है तो वह अपने बेटे के जरिए चुनावी मैदान में होंगे।