scriptएमपी के इस मंदिर में कलेक्टर ने देवी मां को चढ़ाई शराब की बोतल, जानें वजह | On Maha Ashtami of navratri, liquor is offered shri chaubis khamba mata temple in Ujjain | Patrika News
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एमपी के इस मंदिर में कलेक्टर ने देवी मां को चढ़ाई शराब की बोतल, जानें वजह

Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने पुरानी परंपरा को निभाते हुए माता महामाया और माता महालाया को शराब चढ़ाया है।

उज्जैनOct 11, 2024 / 03:23 pm

Avantika Pandey

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Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि के दौरान देशभर के मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मध्यप्रदेश में भी कई चमत्कारी मंदिर है जिसकी लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बनी हुई है। सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भक्त देवी-देवताओं को फूल-माला, प्रसाद या फिर चुनरी चढ़ावे के तौर पर चढ़ाते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी एक एमपी में एक ऐसा मंदिर भी है जहां माता को मदिरा यानि की शराब प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
नवरात्रि की महाष्टमी के दिन देवी को शराब का भोग लगाया जाता है और फिर वही भक्तों में बांटा जाता है। शुक्रवार को उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने इस परंपरा को निभाते हुए माता के दर पर शराब की बोतल चढ़ाई है।

माता को लगता है शराब का भोग

महाकाल की नगरी उज्जैन में विराजमान माता महामाया और माता माहालाया के दर पर भक्त प्रसाद के तौर पर शराब चढ़ाते है। श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर में सैकड़ों सालों से दोनों माताए भक्तों की आस्था का केंद्र है। राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही परंपरा को आज तक पूरे विधि-विधान से निभाया जाता है। हर साल जिला कलेक्टर नवरात्रि की महाअष्टमी को इस अनोखी परंपरा को पूरा करते हैं। शुक्रवार को उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने इस परंपरा को निभाते हुए माता के दर पर शराब की बोतल चढ़ाई है।

श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर

उज्जैन में स्थित श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर में साल भर में होने वाले दोनों नवरात्रि के समय अनूठी परंपरा को निभाया जाता है। महाअष्टमी के दिन शहर की सुख-समृद्धि के लिए हर साल नगर पूजा की जाती है। इसकी शुरुआत मां माहामाया और माता माहालाया की पूजा के बाद इसी मंदिर से होती है। सुबह से शुरू हुई ये पूजा सूर्यास्त तक चलती रहती है। इस दौरान लगभग शहर के 40 मंदिरों में शराब का भोग लगाया जाता है। दरअसल एक घड़ें में शराब भरकर 27 किलोमीटर तक यात्रा की जाती है।

इसलिए चढ़ता है शराब का भोग

मंदिर को लेकर मान्यता है कि माता को शराब चढाने से शहर की सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। साथ ही वहां के लोगों के सुख-समृद्धि का वास होता है। इसके चलते सदियों से इसी मान्यताओं के आधार पर देवियों को शराब चढाने की परंपरा को आज भी निभाया जाता है।

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