सिंहस्थ 2028 Ujjain Simhastha 2028 के लिए उज्जैन शहर को भव्य और सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने 5882 करोड़ रुपए की लागत के डेढ़ दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में बनी मंत्री-मंडलीय समिति द्वारा यह मंजूरी दी गई।
यह भी पढ़ें : एमपी के 16 जिलों में अब नहीं जाएगी बिजली, 24 घंटे होगी पावर सप्लाई, कंपनी ने दी बड़ी सुविधा
सिंहस्थ 2028 को राज्य सरकार प्रदेश की ब्रांडिंग के सबसे बड़े मौके के रूप में देख रही है। सिंहस्थ में देश-दुनिया से करीब 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताया जा रहा है। ये तीर्थयात्री, मध्यप्रदेश की उन्नत राज्य की छवि लेकर लौटें, इसके लिए पूरा फोकस उज्जैन को सजाने-संवारने पर किया जा रहा है। इसे भव्य आधुनिक शहर के रूप में बदला जा रहा है।
3 साल में होगा तैयार
उज्जैन को 3 साल के अंदर नए लकदक शहर के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके लिए अनेक अहम निर्माण कराए जाएंगे, शहर की जल निकासी बेहतर बनाई जाएगी। सड़क और पुल से लेकर क्षिप्रा के घाट और बांध तक बनाया जाएगा। 198 करोड़ रुपए में उज्जैन का सीवरेज सिस्टम नया किया जाएगा। 250 करोड़ रुपए उच्च दाब परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। नया ईएचवी उपकेंद्र बनाया जाएगा। उच्च दबाव स्टेशन की क्षमता में बढ़ोतरी के अलावा 33/11 केवी केंद्र की स्थापना की जाएगी।
778 करोड़ रुपयों में 29.21 किमी लंबे घाट बनेंगे, 1,024 करोड़ में कान्ह नदी का डायवर्जन किया जाएगा, 614 करोड़ रुपए में क्षिप्रा में सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध बनाया जाएगा। 74 करोड़ में क्षिप्रा पर 14 बैराज बनेंगे।
सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक 40 करोड़ का सस्पेंशन ब्रिज बनेगा। शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा तक 18 करोड़ में नई सड़क बनेगी। खाक चौक से रंजीत हनुमान तक 18 करोड़ में सड़क के साथ पुल का निर्माण होगा। 1692 करोड़ रुपए में इंदौर-उज्जैन 4 लेन रोड को 6 लेन में बदला जाएगा। 950 करोड़ रुपए में ग्रीनफील्ड 4 लेन परियोजना आकार लेगी।
महाकाल लोक में भी बदलाव
महाकाल लोक कॉरिडोर में भी बदलाव होगा। 75 करोड़ रुपए में फाइबर की मूर्तियों के स्थान पर पत्थर की मूर्तियां लगाई जाएंगी। कुंभ संग्रहालय और काल गणना शोध केंद्र को भी डेवलप किया जाएगा।