जानें किसे कहां से मिला टिकट?
वहीं, रामगढ़ से पिछली बार भाजपा के बागी रहे सुखवंत सिंह, सलूंबर से दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा, झुंझुनूं से पिछली बार भाजपा से बागी होकर निर्दलीय लड़े राजेन्द्र भाम्बू, खींवसर से 2023 के चुनावों में बीजेपी के टिकट पर हारे रेवतराम डांगा और देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर को उम्मीदरवार बनाया गया है। इसके अलावा अभी चौरासी सीट को होल्ड पर रखा गया है। 4 नेताओं को बनाया चुनाव अधिकारी
इससे पहले आज शनिवार को ही राजस्थान भाजपा ने उपचुनाव को लेकर 4 नेताओं को चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारी बनाया है। नारायण पंचारिया को प्रदेश चुनाव अधिकारी बनाया है। वहीं, हरिराम रिणवा, दामोदर अग्रवाल और सुशील कटारा को सह चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
आपको बता दें राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव एक तरह से भजनलाल सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। क्योंकि 2023 के चुनावों के परिणाम के बाद इन 7 सीटों में से भाजपा के खाते में मात्र एक सीट थी। लेकिन अब प्रदेश में सरकार होने के कारण पार्टी को उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। इसी के चलते भाजपा फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
इन सीटों पर होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।