दरअसल, राजस्थान भाजपा ने उपचुनाव को लेकर 4 नेताओं को चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारी बनाया है। नारायण पंचारिया को प्रदेश चुनाव अधिकारी बनाया है। वहीं, हरिराम रिणवा, दामोदर अग्रवाल और सुशील कटारा को सह चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
बीजेपी सरकार के लिए लिटमस टेस्ट
आपको बता दें राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव एक तरह से भजनलाल सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। क्योंकि 2023 के चुनावों के परिणाम के बाद इन 7 सीटों में से भाजपा के खाते में मात्र एक सीट थी। लेकिन अब प्रदेश में सरकार होने के कारण पार्टी को उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। इसी के चलते भाजपा फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने भी उपचुनाव वाली सभी सातों सीटों के लिए चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की थी। इसके अलावा कांग्रेस ने सभी सातों सीटों पर चार-चार नेताओं को इलेक्शन इन्चार्ज भी बनाया है।
इन सीटों पर होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।