10वीं-11वीं सदी का मंदिर होने का अनुमान
बुधवार को जो केन्द्रीय दल मंदिर में मिली दीवार का निरीक्षण करने के लिए पहुंचा उसमें भोपाल से पुरातत्व विद डॉ. पीयूष भट्ट और खजुराहो केके वर्मा भी शामिल थे। दोनों ने दीवार का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि दीवार को देखने से और उस पर हुई नक्काशी को देखकर लगता है कि ये दसवीं और ग्यारहवीं शताब्दी की हो सकती है। सावधानी पूर्वक आगे की खुदाई करके ही सही जानकारी हासिल की जा सकती है।
मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिली थी दीवार
बता दें कि बीते दिनों महाकाल मंदिर के अंदर चल रहे विस्तारीकरण के काम के दौरान एक प्राचीन दीवार खुदाई में मिली थी। मजदूर और जेसीबी की मदद से खुदाई के दौरान करीब 20 फीट नीचे पत्थरों की एक प्राचीन दीवार मिली थी। दीवार मिलने के बाद खुदाई का काम रोक दिया गया था और मंदिर प्रशासन ने प्रशासन और पुरातत्व विभाग को इसके बारे में जानकारी दी थी।
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