48 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण 1370 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। खास बात ये है कि ये सड़क दोनों जिलों के 29 गांवों से होकर गुजरेगी। इसमें 20 गांव इंदौर जिले के हैं, जबकि 9 गांव उज्जैन जिले के होंगे। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरु कर दिया गया है। रिपोर्ट तैयार कर अप्रूवल के लिए शासन को भेजी जाएगी। मंजूरी मिलते ही जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
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उज्जैन में सिंहस्थ बायपास से लेकर इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित पितृ पर्वत के पास तक इस नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। 4 लेन ग्रीन फील्ड सड़क बनाने के लिए 350 हेक्टेयर से अधिक जमीन की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में डीपीआर और लेआउट तैयार होने के बाद सरकार की अधिसूचना के जारी होने पर जरूरत के हिसाब से जमीन अधिग्रहण का काम शुरु होगा। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने उज्जैन-इंदौर के बीच बनने वाली इस सड़क की डीपीआर का काम कर रही है।
अगले महीने तैयार होगा DPR
सड़क निर्माण का 70 फीसदी हिस्सा इंदौर और 30 फीसद हिस्सा उज्जैन जिले में आ रहा है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क की डीपीआर का काम चल रहा है। इसे अगले महीने तक तैयार कर लिया जाएगा। यह भी पढ़ें- MP News Today Live : मध्य प्रदेश ब्रेकिंग न्यूज, यहां पढ़ें 25 जनवरी के सभी ताजा समाचार सड़क निर्माण से होंगे ये फायदे
उज्जैन से इंदौर के बीच बनने वाली नई सड़क से क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा। वहीं ग्रामीण विकास को भी गति मिलेगी और जिन गांवों से सड़क गुजरेगी, वहां विकास की रफ्तार तेज होगी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में रियल एस्टेट और अन्य निवेश भी बढ़ेगा। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए शहर तक पहुंच भी आसान होगी।
इंदौर-अहमदाबाद रोड को सीधा जोड़ेगी
हातोद क्षेत्र से बनने वाली नई सड़क इंदौर-अहमदाबाद रोड से जुड़कर उज्जैन तक सीधा संपर्क बनाएगी। इससे अहमदाबाद, धार और मुंबई से आने वाले श्रद्धालुओं को उज्जैन जाने में आसानी होगी। अभी वाहनों को एमआर-10 लवकुश चौराहा आने के बाद उज्जैन जाना पड़ता है। नई सड़क बनने से वर्तमान इंदौर-उज्जैन मार्ग पर भी यातायात दबाव कम होगा।
वर्तमान सड़क बनाई जा रही छह लेन
इंदौर-उज्जैन की वर्तमान सड़क को भी छह लेन बनाया जा रहा है। अरबिंदो के सामने से हरिफाटा तक सड़क को छह लेन किया जाना है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे के अतिक्रमण को हटा दिया गया है। टुकड़ों में बांटकर इसका निर्माण किया जाएगा, ताकि यातायात प्रभावित नहीं हो।