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जयपुर

कौन हैं हिंदू भजन गायिका बतूल बेगम? जिन्हें मिला पद्मश्री अवार्ड; 55 से अधिक देशों में छोड़ी अपनी छाप

Padma Award 2025: राजस्थान की मशहूर लोक गायिका बतूल बेगम को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।

जयपुरJan 26, 2025 / 07:08 am

Nirmal Pareek

Batool Begum
Padma Award 2025: राजस्थान की मशहूर लोक गायिका बतूल बेगम को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया। लोक संगीत की धरोहर को संजोने और मांड, फाग, और भजन गायकी के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने वाली बतूल बेगम को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया।
बता दें, बतूल बेगम मांड और फाग गायकी की के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। समाज में हाशिए पर रहे मिरासी समुदाय से आने वालीं बतूल बेगम राजस्थान की एकमात्र महिला हैं जिन्होंने पेरिस के प्रतिष्ठित टाउन हॉल में अपनी गायिका का प्रदर्शन किया है।

8 साल की उम्र से शुरू हुआ सफर

नागौर जिले के केराप गांव से ताल्लुक रखने वाली बतूल बेगम ने महज 8 साल की उम्र में ठाकुरजी के मंदिर में भजन गाकर अपने संगीत के सफर की शुरुआत की। शादी के बाद भी संघर्षों से भरे जीवन में उन्होंने अपने गायन को जारी रखा और इसे अपनी पहचान बना लिया।
Batool Begum
बतूल बेगम का बचपन बेहद कठिनाई में बीता। पांचवीं कक्षा में ही उनकी पढ़ाई छूट गई और शादी के बाद भी उन्हें आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके पति फिरोज खान, जो रोडवेज में कंडक्टर थे, ने भी उनके संगीत के सफर में उनका पूरा साथ दिया। खेती-मजदूरी और पानी के लिए मीलों पैदल चलने के बावजूद बतूल का संगीत प्रेम कभी कम नहीं हुआ।
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55 से अधिक देशों में दी प्रस्तुति

बतूल बेगम ने लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अब तक 55 से अधिक देशों में अपनी प्रस्तुति दी है, जिनमें इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, और ट्यूनेशिया जैसे देश शामिल हैं। उनकी अनोखी गायकी, जिसमें मांड और फाग को विशेष पहचान मिली, ने दुनिया भर में लाखों दिलों को छुआ।
बतूल बेगम ने भारतीय लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई। पेरिस के प्रतिष्ठित टाउन हॉल में प्रस्तुति देने वाली वह राजस्थान की पहली महिला लोक गायिका हैं।

बतूल बेगम

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल

बतूल बेगम हिंदू भजनों और मुस्लिम मांड के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती हैं। उनके अनुसार मुझे भले कई दिन तक खाने को नहीं दो, पर गाने से मना कभी नहीं करना। यही मेरी पूजा है, इसी से मुझे ऊर्जा मिलती है। बिना माइक के तबला और हारमोनियम के साथ फाल्गुन के लोक गीतों को गाने की उनकी कला दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

बतूल बेगम को मिले ये सम्मान

बतूल बेगम को 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। फ्रांस और ट्यूनेशिया की सरकारों ने भी उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया। वहीं, GOPIO अचीवर्स अवार्ड और सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुका है।

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