scriptविश्वराजसिंह का पगड़ी दस्तूर आज, समर्थक सिटी पैलेस धूणी जाने पर अड़े, दूसरे पक्ष ने बिना अनुमति प्रवेश पर चेताया | Vishwaraj Singh's turban ritual today, his side is adamant on going to City Palace Dhuni Sthal | Patrika News
उदयपुर

विश्वराजसिंह का पगड़ी दस्तूर आज, समर्थक सिटी पैलेस धूणी जाने पर अड़े, दूसरे पक्ष ने बिना अनुमति प्रवेश पर चेताया

पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराजसिंह मेवाड़ का पगड़ी दस्तूर सोमवार को चित्तौडग़ढ़ में

उदयपुरNov 25, 2024 / 10:06 am

Pankaj

विश्वराजसिंह मेवाड़

पूर्व राजपरिवार के दो पक्षों के बीच गहराया विवाद, कलक्टर की मध्यस्थता में सहमत नहीं, प्रशासन ने की सुरक्षा की तैयारी

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में पिछले दिनों से गहरा रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराजसिंह मेवाड़ का पगड़ी दस्तूर सोमवार को चित्तौडग़ढ़ में होगा। उनका पक्ष पगड़ी दस्तूर के बाद उदयपुर के सिटी पैलेस में जाने पर अड़ा हुआ है, जबकि दूसरे पक्ष की ओर से इस पर सहमति जाहिर नहीं की गई है। कानून व्यवस्था के चलते जिला प्रशासन की मध्यस्तता में दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई, लेकिन बेनतीजा रही। प्रशासन ने दोनों पक्षों से आपसी सहमति बनाने की अपील की है। इधर, दूसरे पक्ष ने विधिक नोटिस जारी करके बिना अनुमति प्रवेश नहीं करने के लिए आगाह किया है।
पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन पर उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के उत्तराधिकारी के तौर पर पगड़ी दस्तूर सोमवार को होगा। पगड़ी दस्तूर के बाद उदयपुर लौटकर सिटी पैलेस स्थित धूणी स्थल और इसके बाद कैलाशपुरी स्थित एकलिंगनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाना प्रस्तावित है। दोनों पक्षों के बीच सहमति फिलहाल नहीं बनी है। जहां एक दिन पहले विश्वराजसिंह मेवाड़ के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर व्यवस्था की मांग की थी, वहीं हाल ही में कलक्टर ने दोनों पक्षों के बीच सहमति को लेकर मध्यस्तता की। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे और बीच का रास्ता नहीं निकल पाया।
आज चित्तौडग़ढ़ में यह कार्यक्रम

चित्तौडग़ढ़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में सोमवार सुबह 10 बजे कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। चित्तौडग़ढ़ में कार्यक्रम को लेकर पूर्व राजपरिवार से जुड़े लोग और जौहर स्मृति संस्थान चित्तौडग़ढ़ ने तैयारी की है। चित्तौडग़ढ़ में कार्यक्रम के बाद विश्वराजसिंह मेवाड़ उदयपुर पहुंचेंगे, जहां सिटी पैलेस में धूणी के दर्शन करने जाएंगे। एकलिंगजी मंदिर में शोक भंग की रस्म होगी।
आयोजन इसलिए चर्चा में?

– चित्तौडगढ़़ दुर्ग पर आखिरी बार 1531 में महाराणा सांगा के बेटे तत्कालीन महाराणा विक्रमादित्य का तिलक हुआ था। उनका तिलक चित्तौडग़ढ़ में आखिरी तिलक माना जाता है। सन 1559 में उदयपुर की स्थापना और 1668 में मेवाड़ की राजधानी बनाने के बाद रस्म उदयपुर में होने लगी। इसके बाद पहला मौका है, जिसमें कार्यक्रम चित्तौडग़ढ़ में होगा।
– पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच लम्बे समय से संपत्ति विवाद है। इसको लेकर दिवंगत महेंद्रसिंह मेवाड़ और उनका परिवार समोर बाग में निवासरत है, जबकि सिटी पैलेस में उनके भाई अरविंदसिंह मेवाड़ और उनका परिवार निवासरत है। परंपरा के निमित विश्वराजसिंह के सिटी पैलेस में जाने की बात कही जा रही है, लेकिन अनुमति पर संशय है।
10 नवम्बर को हुआ था महेंद्रसिंह का निधन

गौरतलब है कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्रसिंह मेवाड़ का निधन 10 नवंबर को हुआ था। वे 40 साल तक पूर्व राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पूर्व महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद ज्येष्ठ पुत्र के रूप में महेंद्र सिंह का 19 नवम्बर 1984 को सिटी पैलेस उदयपुर में तिलक कार्यक्रम हुआ था।
दूसरे पक्ष ने जारी किए नोटिस

पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ के पक्ष के सिटी पैलेस धूणी स्थल और एकलिंगजी मंदिर में जाने का दावा किया गया है, वहीं दूसरे पक्ष की ओर से सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए हैं। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन और एकलिंगजी ट्रस्ट के अधिवक्ता शीतल कुम्भट ने दो नोटिस जारी किए हैं। एक में लिखा है कि एकलिंगजी ट्रस्ट की ओर से अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश और केवल दर्शन की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। दूसरे नोटिस में लिखा है कि सिटी पैलेस म्यूजियम में किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
सोमवार को जैसी परिस्थिति बनेगी, उसके अनुसार निर्णय लेंगे। दोनों पक्षों की वार्ता करवाई गई थी। प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए है। निर्णय तो दोनों पक्षों को ही लेना है। जो भी हो, आपसी सहमति से होना चाहिए।
अरविंद पोसवाल, कलक्टर

कार्यक्रम जैसा पहले से निर्धारित है, उसी अनुसार होगा। चित्तौडग़ढ़ में कार्यक्रम के बाद सिटी पैलेस धूणी स्थल पर भी जाना तय है। प्रशासन की मध्यस्तता में वार्ता हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी, लेकिन हमारा पैलेस में जाना तय है।
रणधीर सिंह भींडर, पूर्व राजपरिवार के प्रतिनिधि

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