45 वर्ष पहले लगा शौक डॉ. पुष्पा खमेसरा ने बताया कि लगभग 45 वर्ष पहले डाक टिकट संग्रह करने के शौक से अब लाखों डाक टिकट का संग्रह कर लिया, ये खुद उन्हें भी पता नहीं चला। वे अब तक 5 लाख से अधिक डाक टिकटों का संग्रहण कर चुकी हैं। जिसमें विश्व का व भारत का प्रथम डाक टिकट भी है। देश के कई राज्य के स्कूल, कॉलेज एवं अन्य जगहों पर लगभग 50 से अधिक डाक टिकट काॅइंस व करेंसी की एकल प्रदर्शनी लगाकर इसको शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास किया। इसी प्रयास की बदौलत 2021 में डाॅक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
छह साल की उम्र से शुरू किया संग्रह उन्होंने बताया कि वे छह साल की उम्र से डाक टिकट का संग्रह कर रही हैं। बर्ड थीम पर डाक टिकट संग्रहण का उद्देश्य लोगों, युवाओं व बच्चों को पक्षियों, प्रकृति व पर्यावरण का मानव जीवन में उपयोगिता समझाना है। वन विभाग द्वारा आयोजित बर्ड फेस्टिवल में पक्षियों पर आधारित एवं अनेक विषयों पर डाक टिकटों को प्रदर्शित कर वे इसकी जानकारी दे चुकी हैं।