बड़गांव उपखंड की मदार पंचायत के राठौड़ों का गुढ़ा गांव में हनुमान मंदिर के बाहर पुजारी विष्णु गिरी (65) सो रहा था। इनका परिवार पास में ही रहता है। सोमवार सुबह मंदिर के पास टंकी से पानी भरने लोग आए तो उन्हें खून बिखरा हुआ नजर आया। रास्ते में भी कुछ जगह खून के निशान दिखाई दिए।
पुजारी नजर नहीं आने पर लोगों को अनहोनी का शक हुआ और तलाश शुरू की। लोग जंगल की ओर गए तो मंदिर से 150 मीटर दूर पुजारी का शव मिला। शरीर से एक हाथ गायब था और गर्दन, छाती का हिस्सा खाया हुआ था। सूचना पर जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, गोगुंदा उपखंड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी, बडगांव उपखंड अधिकारी निरमा विश्नोई सहित वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया।
हालांकि यह सवाल अब भी बरकरार है कि एक ही पैंथर जगह बदल रहा है या एक से ज्यादा पैंथर ‘आदमखोर’ हो गए हैं। हालांकि ताजा घटना के बाद डीएफओ अजय चितौड़ा ने संभावना जताई कि पैंथर इस क्षेत्र का नहीं होकर आसानी से शिकार के लिए मनुष्यों पर हमला कर रहा है और शिकार के बाद हलचल होने पर स्थान बदल देता है।
शिकार का तरीका मिलता जुलता
पैंथर ने 19 सितंबर को छाली पंचायत में उंडीथल निवासी कमला पर हमला कर मार डाला तथा हाथ व मुंह खाया और जगह-जगह से नोंचा। शव दूसरे दिन झाड़ियों में मिला। मौके पर ग्रामीण व वनकर्मी पहुंचे तो हलचल हुई और पैंथर ने स्थान बदलकर उसी शाम को पहले वाली जगह से तीन किलोमीटर दूर भेवडिया गांव में खुमाराम गमेती को शिकार बनाया।
उसे उठाकर झाड़ियों में ले गया, लेकिन ग्रामीणों के शोर करने पर छोड़ भागा। यहां शिकार के लिए समय नहीं मिला और यहां भी हलचल हुई तो उसके अगले दिन 20 सितंबर को उमरिया, यानी पहले वाली जगह से कुछ दूरी पर महिला हमेरी भील को शिकार बनाया। लगातार तीन मौत होने पर जंगल में सर्च अभियान शुरू हुआ तो अपना स्थान बदला। हालांकि तीन दिन बाद यहां लगे पिंजरे में दो पैंथर कैद हुए।
इसी क्षेत्र की मजावद ग्राम पंचायत के कुंडाऊ गांव में 25 सितंबर को छह वर्षीय मासूम बच्ची सूरज का शिकार कर लिया। यहां भी पैंथर बच्ची को उठा ले गया। हलचल होेने पर टीमें लगी, पिंजरा लगाया तो 27 सितंबर को एक पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। इसके अगले दिन 28 सितंबर को गुर्जरों का गुढ़ा में पैंथर ने वृद्धा गट्टू बाई पर हमला कर दिया। अगले दिन 29 सितंबर को यहां भी हलचल हुई, हवाई फायर किए तो पैंथर आगे इसी पहाड़ी से दूर राठौडों का गुढ़ा पहुंच गया और पुजारी को शिकार बना लिया। उसके शरीर के ऊपरी हिस्से को भी खा गया और शरीर से एक हाथ गायब मिला।
11 पिंजरे, 11 टीमें, 15 ट्रैप कैमरे व ड्रोन से निगरानी
राठौड़ों का गुढ़ा में पुजारी के शिकार के बाद विभाग का अमला हाई अलर्ट मोड पर आ गया। रणथम्भौर, जोधपुर, उदयपुर व राजसमंद की ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट सहित 11 टीमें लगाई गई है। घटना स्थल के आसपास 11 पिंजरे के साथ 11 टीमें 15 ट्रैप कैमरे ड्रोन के साथ अन्य टीमें तैनात की है। राजसमंद, कुंभलगढ़, जावर माइंस से भी टीम पहुंच चुकी है। पुलिस एवं प्रशासन की ओर से भी गांवों में लोगों से समझाइश की जा रही है। दूसरी ओर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय एवं अतिरिक्त मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजेश गुप्ता ने उदयपुर पहुंच अधिकारियों की बैठक ली और सर्च ऑपरेशन तेज करने के निर्देश दिए।
इनका कहना
पैंथर आदमखोर हो चुका है। वह लगातार अपना स्थान बदलकर हमला कर रहा है। वन विभाग की टीम उसे पकड़ने की कोशिश में लगी है। ग्रामीण भी सावधानी बरतें। सवेरे- शाम घरों से बाहर नहीं निकले। –अरविंद पोसवाल, जिला कलक्टर, उदयपुर