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उदयपुर

संरक्षण एवं कायाकल्प को तरस रही मावली की प्राचीन बावड़ी का होगा जीर्णोद्धार

महाराणा राजसिंह के काल में हुआ था बावड़ी का निर्माण, 89.73 लाख रूपए की राशि की मिली वित्तीय स्वीकृति, मावली कस्बेवासियों में हर्ष की लहर

उदयपुरMay 26, 2020 / 05:01 pm

madhulika singh

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शुभम कड़ेला/मावली. मेवाड़ के इतिहास एवं उदयपुर जिले में प्रमुख स्थान रखने वाले नगरों में से एक है मावली नगरी। जिसे मेवाड़ के महाराणा राजसिंह ने राजकुमारी चांदकुंवर को दहेज में दिया था। जिसके बाद महाराणा ने बाईजी अर्थात् राजकुमारी की स्नानार्थ हेतु एक बावड़ी का निर्माण करवाया था। जो बाई जी राज की बावड़ी के नाम से प्रसिद्ध हुई। मगर इसी प्रसिद्ध एवं प्राचीन बावड़ी की वर्तमान में हालात काफी दयनीय हो रहीं है। इसको लेकर हाल ही में बावड़ी के संरक्षण, कायाकल्प, गहरीकरण एवं पार्क विकास कार्य हेतु जिला कार्यक्रम समन्वक (महात्मा गांधी नरेगा) उदयपुर एवं जिला कलेक्टर आनंदी के द्वारा 89.73 लाख रूपए की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। जिससे वर्तमान में मावली कस्बेवासियों में हर्ष की लहर है।
सुत्रों के अनुसार मध्यकाल में मोहाली के नाम से जाना जाने वाला मावली कस्बा शुरू से ही ऐतिहासिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। इस कस्बे के मावली गांव में प्राचीन बाईजी राज की बावड़ी निर्मित है। जिसका निर्माण विक्रम संवत 1680 मे महाराणा राजसिंह के काल में हुआ था। परन्तु वर्तमान में बावड़ी की दशा काफी खराब एवं दयनीय है। लम्बे समय से प्राचीन बावड़ी संरक्षण एवं देखभाल हेतु तरस रहीं है। इसको लेकर हाल ही में 22 मई को जिला कार्यक्रम समन्वक (महात्मा गांधी नरेगा) उदयपुर एवं जिला कलेक्टर आनंदी के द्वारा महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कुल 89.73 लाख रूपए की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई।
जानकारी के अनुसार बाईजीराज की बावड़ी के गहरीकरण एवं अन्य कार्य को लेकर 44.00 लाख रूपए एवं प्राचीन बावड़ी के समीप पार्क विकास कार्य के लिए 45.73 लाख रूपए की वित्तीय स्वीकृति मिली है। मावली की इस प्राचीन बावड़ी के कायाकल्प कार्य के लिए ग्राम पंचायत मावली को एजेन्सी बनाया गया है। जिसके तहत 12 माह के अन्दर मावली ग्राम पंचायत को इस कार्य को पूरा करना प्रस्तावित है। ग्राम पंचायत के द्वारा एसएससी या एफएससी मद के तहत पूरा कार्य किया जायेगा। समाजसेवी गोवर्धनलाल जाट ने बताया कि पूर्व में इस प्राचीन बावड़ी के संरक्षण हेतु पंचायत समिति के सहयोग से 5 लाख रूपए की लागत से चारदीवारी निर्माण कार्य भी करवाया गया है।
कस्बेवासियों की आस हुई पूरी- मावली कस्बे वासियों द्वारा लम्बे समय से इस प्राचीन बावड़ी के संरक्षण एवं कायाकल्प की मांग की जा रहीं थीं। इसको लेकर पूर्व विधायक शांतिलाल चपलोत, दलीचंद डांगी, पुष्करलाल डांगी ने भी इस बावड़ी के जिर्णोद्धार के लिए प्रयास किए थे। वहीं वर्तमान विधायक धर्मनारायण जोशी ने विधानसभा में मावली स्थित बाईजी राज की बावड़ी के मरम्मत, जिर्णोद्धार एवं संरक्षण के सम्बंध में प्रश्न पूछकर मांग की थीं। जिस पर आखिरकार मावली की प्राचीन बावड़ी के संरक्षण हेतु मौजूदा सरकार के द्वारा इस मांग पर को पूरा किया गया। इससे वर्तमान में सभी कस्बेवासियों में हर्ष की लहर है तथा मावली वासियों की आस आखिरकार पूरी हुई। इसको लेकर उदयपुर सीमेंट वक्र्स के प्रबंधन ने भी हरसंभव सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया है।
क्षतिग्रस्त हो रहीं छतरियां- वर्तमान में प्राचीन बावड़ी की छतरियां काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी है तथा बावड़ी की स्थिति खण्डहर रूप में तब्दील हो चुकी है। बावड़ी सहित इसके आसपास काफी गंदगी पसरी हुई है। इसके साथ ही बावड़ी में जगह-जगह छोटे मोटे अनावश्यक पौैधे भी अपना फैलाव कर रहे है। तो इधर, बावड़ी में आमजन की लापरवाही भी देखने को मिल रहीं है। जहां लोगों द्वारा बावड़ी में कूड़ा-कचरा डाला हुआ है। ऐसी स्थिति में प्राचीन बावड़ी की सुन्दरता में खलल हो रहा है। इसके साथ ही इसकी छतरियों के उपर कई छोटे पौधों ने अपना निवास बना लिया है।
मेवाड़ के शौर्य की गाथा गा रहीं है छतरियां- मावली की प्राचीन बावड़ी की क्षतिग्रस्त हुई छतरियां आज भी मेवाड़ के शौर्य की गाथा गा रहीं है। यहां बावड़ी में कई शिलालेख भी स्थापित है। जो पूर्व प्राचीन इतिहास का खुलकर वर्णन कर रहे है। बडे-बुजुर्गो के अनुसार इस प्राचीन बावड़ी का प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय इतिहास भी है। जो मेवाड़ के शौर्य, वीरता एवं एकता का परिचायक है।

सीएचसी के रोगियों को भी मिलेगीं सुविधा- बावड़ी के नजदीक ही मावली ब्लॉक का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित है। जहां प्रतिदिन सैकडों मरीज उपचार करवाने हेतु आते है। यथासंभव बावड़ी के संरक्षण हो जाने पर बावड़ी के इर्द-गिर्द एक गार्डन का निर्माण हो जायेगा। जिससे कस्बेवासियों सहित क्षेत्रभर से सीएचसी में आने वाले
पत्रिका ने भी उठाया था मुद्दा – मावली कस्बेवासियों की लम्बे समय से चली आ रहीं मांग को राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर प्रमुखता से समाचार पत्र में प्रकाशित कर उठाया था। जिससे आखिरकार मावलीवासियों की मांग पूरी हुई। जैसे ही विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति जारी हुई। पूरे क्षेत्रभर में हर्ष की लहर दौड़ पड़ीं। सभी कस्बेवासियों एवं जनप्रतिनिधियों ने पत्रिका को इस हेतु धन्यवाद दिया है।
इनका कहना है
मावली की प्राचीन बावड़ी के जीर्णोद्धार के लिए 89.73 लाख रूपए की वित्तिय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है। इस हेतु शीघ्र ही जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया जायेगा। इससे मावली कस्बे में यह आकर्षण का केन्द्र बना रहेगा।
-हेमेन्द्र जाट, सरपंच ग्राम पंचायत मावली

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