डॉ. देसाई पृथ्वी दिवस के मौके पर आयोजित ‘सस्टेन मदर अर्थ’ विषयक संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन डॉ. दौलत सिंह कोठारी शोध एवं शिक्षा संस्थान की ओर से विज्ञान समिति में किया जा रहा है। वक्ताओं ने पृथ्वी की वर्तमान स्थिति एवं जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हुए सुधारात्मक प्रयास पर बात की और कहा कि विज्ञान के साथ ही आध्यात्मिक दृष्टिकोण भी अपनाना होगा।
इन्होंने भी रखे विचारसंगोष्ठी में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांसस स्टडीज बैंगलोर के निदेशक शैलेष नायक, वैज्ञानिक विनय डढ़वाल, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के अनिल कुलकर्णी, ऐरिस नैनीताल के मनीष नाजा, पर्यावरण संस्थान नीमराना के निदेशक जयकिशन गर्ग, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. अजय समेत संजीव शर्मा, भगवती प्रकाश शर्मा, नरेंद्रसिंह राठौड़, डॉ. हितेश सौलंकी, डॉ. एसके शर्मा आदि ने विचार रखे।
संयोजक डॉ. केएल कोठारी ने स्वागत उद्बोधन में संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम निदेशक डॉ. सुरेन्द्रसिंह पोखरना ने आयोजन और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आइंस्टीन और डॉ. डीएस कोठारी कहते थे कि विश्व की समस्याओं के समाधान के लिए विज्ञान और अध्यात्म दोनों जरूरी है। समारोह के विशिष्ट अतिथि महापौर जीएस टांक, शंखेश्वरपुरम विज्ञान तीर्थ के संयोजक संजीव शर्मा थे। अध्यक्षता डॉ. सुषमा सिंघवी ने की। आयोजन सचिव डॉ. महीप भटनागर ने आभार जताया।