ऐसे करें बचाव : साइबर थाना उदयपुर के थानाधिकारी लीलाराम ने बताया कि सोशल मीडिया पर आने वाली . apk वाले और अन्य लिंक को संतुष्ट होने तक नहीं खोले। प्रतिष्ठित साइट का लिंक आने पर उसकी स्पेलिंग की बारीकी से जांच करें। किसी भी प्रतिष्ठित साइड की मिलती-जुलती साइट खुलने पर ध्यान से देखने पर उसके नकली होने का पता लग जाता है। मोबाइल में आने वाले मैसेज को भी पूरी तरह संतुष्ट होने से पूर्व नहीं खोलें। अनजान व्यक्तियों द्वारा भेजे गए लिंक नहीं खोले और कॉल रिसीव नहीं करें।
केस-1
एक व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट पर एपीके फाइल आई। उसने उस फाइल को डाउनलोड करके देखना चाहा तो वह डाउनलोड तो हो गई पर खुली ही नहीं। इस के बाद उसके खाते से 17 हजार, 9 हजार, 6 हजार की राशि कटी और खाता खाली हो गया। दो दिन बाद जब उसे राशि की जरूरत पड़ी तो वह एटीएम पहुंचा तो वहां उसे ठगी का शिकार होने की की जानकारी मिली।
केस-2
कुछ दिनों पूर्व नाकोड़ा नगर में एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया एप पर dmart.apk फाइल इंस्टाल की। इसके साथ ही एक अनजान नंबर से कॉल आई। कुछ ही देर में उसके खाते में रखी 43 हजार 152 रुपए की राशि खाली हो गई। खाते से राशि निकाले जाते समय पीड़ित को इसके मैसेज और अन्य जानकारी नहीं मिली। बाद में खाते की जांच करने पर उन्हें फ्रॉड का पता चला।
केस-3
सोशल मीडिया पर ही एक प्रतिष्ठित साइट का ऑफर चल रहा था। इसकी लालच में घंटाघर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने उस पर क्लिक कर दिया। लिंक उस साइट से मिलती-जुलती साइट पर लेकर चला गया। वहां से ऑर्डर करने पर उसकी राशि कटी, लेकिन मंगवाया गया सामान उसे नहीं मिला। इसके बाद भी उसके अकाउंट से करीब 17 हजार रुपए कट गए। जिससे वह फ्रॉड का शिकार हो गया।